Highlights
- नीति के अंतर्गत पूरे राज्य में चार्जिंग एवं बैटरी अदला-बदली सुविधाओं को विकसित की जाएंगी
- नीति का लक्ष्य 30,000 करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित करना और 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देना
- नीति का उद्देश्य राज्य की क्षमता एवं अवसरों का लाभ उठाकर 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने इलेक्ट्रि वाहन खरीदने पर 15 फीसदी सब्सिडी देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत पहले दो लाख दो पहिया वाहनों पर मिलेगी छूट। दो पहिया वाहनों पर 5000 रुपये की छूट मिलेगी। वहीं, पहले 50 हजार तीन-पहिया वाहनों पर 12 हजार की छूट मिलेगी। साथ ही 25 हजार चार पहिया वाहनों को भी छूट प्रदान की जाएगी। चार पहिया वाहनों पर एक लाख की छूट मिलेगी। इस पहल से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत में कमी आएगी, जिसका लाभ आम लोगों को मिलेगा। इससे प्रदूषण के स्तर में कमी लाने में भी मदद मिलेगी।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश की
उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरणानुकूल स्वच्छ परिवहन संसाधनों को तेजी से प्रसार और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए एक अनुकूल पारिस्थतिकी तंत्र बनाने के उददेश्य से नयी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति- 2022 घोषित की है। राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी। इसके तहत कई सहूलियतों के साथ ही वाहनों की खरीद पर भारी सब्सिडी भी दी जाएगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य में एक पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली का निर्माण करना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी एवं संबंधित उपकरणों के विनिर्माण के लिए प्रदेश को एक वैश्विक केंद्र बनाना भी है।’’ वर्ष 2070 तक भारत को शुद्ध- शून्य उत्सर्जन लक्ष्य में योगदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ नीति का उद्देश्य राज्य की क्षमता एवं अवसरों का लाभ उठाकर 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा को पूरा करना है।
इलेक्ट्रिक वाहन की लागत में कमी आएगी
ब्लू व्हील्ज के संस्थापक, चनप्रीत सेठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दी गई छूट से इलेक्ट्रिक वाहन की लागत में कमी आएगी। इससे डिलीवरी उद्योग को अत्यधिक लाभ होगा, क्योंकि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों ने अगले 5 वर्षों में अपने बेड़े को ईवी में बदलने का संकल्प लिया है। हम एक ईवी सर्विस प्रोवाइडर के रूप में काम करते हैं। हम इलेक्ट्रिक वाहनों को लीज पर देते हैं। इस कदम से ईवी की कीमत में कमी आएगी, जिससे कंपनियों की परिवहन लागत घटेगी। इससे आम लोगों को भी फायदा मिलेगा। उन्हें सस्ते उत्पाद मिल पाएंगे। मेरा मनना है कि यूपी के इस पहल को दूसरे राज्य को अमल में लाना चाहिए।
30,000 करोड़ का निवेश हासिल करने का लक्ष्य
बयान में कहा गया है कि नीति का लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित करना और 10 लाख से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। बयान के मुताबिक, इस दिशा में नीति में त्रिआयामी आकर्षक प्रोत्साहन व्यवस्था प्रदान की गई है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अलावा ईवी, बैटरी और संबंधित कलपुर्जों के विनिर्माताओं तथा चार्जिंग / बैटरी अदला-बदली (स्वैपिंग) सुविधाएं विकसित करने वाले सेवाप्रदाताओं के लिए भी प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार में से है। अतः राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के विकास को नीति के तहत खरीदारों को आकर्षक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश में खरीदे व पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान पथकर व पंजीकरण शुल्क में शत-प्रतिशत छूट शामिल है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी
बयान के मुताबिक, इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा अग्रिम प्रदान करने की भी अनुमति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, नीति में ईवी बैटरी एवं ईवी विनिर्माण में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित करने को प्रावधान किए गए हैं। नीति के अंतर्गत पूरे राज्य में चार्जिंग एवं बैटरी अदला-बदली सुविधाओं को विकसित करने वाले सेवाप्रदाताओं को अधिकतम 2,000 ऐसे चार्जिंग स्टेशनों की सीमा के अधीन प्रति परियोजना अधिकतम 10 लाख रुपये तक तथा अधिकतम 1,000 ऐसे अदला-बदली स्टेशनों की सीमा के अधीन अधिकतम पांच लाख रुपये प्रति स्टेशन तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। साथ इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में सरकारी संगठनों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या निजी कंपनियों द्वारा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए अधिकतम पांच ऐसी परियोजनाओं को 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रति परियोजना अधिकतम 10 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।