Year Ender 2022: इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए साल 2022 शानदार रहा है। पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी ने लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर रुख करने को मजबूर किया। इससे दोपहिया ई-बाइक और ई-स्कूटर की मांग तेजी से बढ़ी है। वहीं, टाटा जैसी बड़ी ऑटो कंपनी द्वारा कम्पैक्ट एसयूवी और सेडान में ई-वी का विकल्प उपलब्घ कराने से फोर व्हीलर सेगमेंट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री तेजी से बढ़ी। भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाजार की ग्रोथ का आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि साल 2020 में भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट का आकार करीब 5 अरब डॉलर का था जो कि 2026 तक 47 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। दरअसल इस बाजार में साल 2021 से साल 2026 तक 44 प्रतिशत से अधिक की सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, कई ई-स्कूटर में आग लगने की घटना के बाद सेफ्टी को लेकर चिंता बरकरार है। आने वाले समय में कंपनियों को सेफ्टी के फ्रंट पर काम करना होगा।
सरकार की नीति और प्रोत्साहन से भी मदद मिली
लोहिया ऑटो के सीईओ, आयुष लोहिया ने कहा कि ईवी इंडस्ट्री को तेजी से ग्रोथ करने में सरकारी पहलों और नीतियों की बड़ी भूमिका है। ईवी इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने उपभोक्ताओं और निर्माताओं दोनों को कई इंसेटिव दिए हैं। इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री बढ़ी है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए, ई-कॉमर्स कंपनियां (जैसे अमेजन) लास्ट माइल डिलीवरी के लिए ई-मोबिलिटी को अपनाना शुरू कर रही हैं। भारत सरकार और कई अन्य राज्य सरकारों द्वारा अपने ई-मोबिलिटी सार्वजनिक परिवहन प्रयोग के हिस्से के रूप में कई प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक इंटरसिटी बसें शुरू की गई हैं। इससे इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों को बड़ा बाजार मिला है। यह आने वाले समय में और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इसका फायदा देश की छोटी से बड़ी इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों को मिला है। चार्जिंग स्टेशन का जाल बिछने से यह मांग और तेज होने की उम्मीद है।
आने वाला साला ई-वी इंडस्ट्री के लिए सुनहरा
कोमाकी इलेक्ट्रिक व्हीकल डिवीजन के डायरेक्टर, गुंजन मल्होत्रा ने इंडिया टीवी को बताया कि साल 2022 भारत में इलेक्ट्रिक एवं ग्रीन मोबिलिटी का साल रहा है। भारत में ईवी अडाॅप्शन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही भारत में उच्च परफोर्मेन्स वाले इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की क्षमता है। ऐसे में मेरा मानना है कि सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन एवं आधुनिक तकनीकों के चलते साल 2023 में ईवी गाड़ियों के मॉडलों की संख्या, चार्जिंग स्टेशन और वेंडर सिस्टम में काफी सुधार होगा। सरकार ने चार्जिंग के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे ईवी चार्जिंग स्टेशन की डी-लाइसेंसिंग। ऐसे में उम्मीद है कि आगामी वर्ष में चार्जिंग के बुनियादी ढांचे मजबूत होंगे। एक अनुमान के मुताबिक देश का ईवी बार 2023 तक 2 बिलियन डाॅलर और 2025 तक भारत के बाजार में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के विकास की अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान में भारत के राजमार्गों पर सिर्फ 1 फीसदी ई-दोपहिया वाहन दिखाई देते हैं जो 2025 तक 15 फीसदी के आंकड़े तक पहुंच जाएंगे।
कैसा रहेगा साल 2023
साल 2023 में भारतीय सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की संख्या 2.2 मिलियन होने की उम्मीद है, 2024 में यह संख्या बढ़कर 3.9 मिलियन, 2025 में 5.6 मिलियन, 2026 में 7.5 मिलियन और 2027 के अंत तक 9.1 मिलियन हो जाएगी। 2027 तक, सभी ईवी की बिक्री 68 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इससे पता चलता है कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री के लिए आने वाले सालों में एक अच्छा और महत्वपूर्ण बाजार उपलब्ध होगा। 2023 और आने वाले वर्षों में, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन निस्संदेह तौर पर ईवीएस के लिए आवश्यक आवश्यकता के रूप में बढ़ेंगे। व्यापक इलेक्ट्रिक वाहनों को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा क्योंकि अधिक से अधिक लोग देश भर में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के इच्छुक होंगे। सरकारी ग्रांट्स (अनुदान) और कर की कम दरें भी लोगों के लिए इन स्टेशनों को स्थापित करना आसान बना देंगी।