Friday, November 15, 2024
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  4. Windscreen: कारों में तिरछी विंडस्क्रीन होने के कारण

कारों में तिरछी विंडस्क्रीन क्यों होती है जबकी बसों में नहीं होती, जानिए चौंकाने वाली वजह

कारों में तिरछी विंडस्क्रीन होती है वहीं बसों में ऐसा नहीं है। वहां सपाट विंडस्क्रीन होती है। कार में तिरछी विंडस्क्रीन होने के कई फायदे हैं। इससे हवा को आसानी से पास किया जा सकता है। साथ ही इससे कार के स्पीड में रुकावट नहीं होती है।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: January 17, 2023 20:01 IST
Windscreen- India TV Paisa
Photo:FREEPIK कार के Windscreen तिरछे होने के फायदे

Car Windscreen: एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए लोग बसों और कार की मदद लेते हैं। लेकिन क्या आपने बसों में यात्रा करते समय ध्यान दिया है कि कारों के शीशे तिरछे होते हैं मगर बस के नहीं होते हैं। क्या आप जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है?  वैसे इसके पीछे सबसे बड़ा कारण स्पीड है।

अब आप सोच रहे होंगे कि कार ही नहीं बस भी तेज गति से चलती है। इसके बावजूद इसके विंडशील्ड तिरछे क्यों नहीं होते और इसके पीछे क्या कारण है? आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे कि कारों में तिरछी विंडस्क्रीन क्यों होती है और बसों में क्यों नहीं होती है।

ये कारण है कि कारों के शीशे तिरछे होते हैं-

कारों की aerodynamics बसों की तुलना में बहुत अधिक है। आसान शब्दों में कहें तो तिरछी विंडशील्ड की वजह से ये हवा को बड़ी आसानी से पास कर सकते हैं। इससे कार की स्पीड में कोई रुकावट नहीं होती है। इतना ही नहीं इस पर प्रेशर कम लगता है साथ ही ये आराम से चलता है और ज्यादा माइलेज भी दे। हालांकि, बस लेते समय एरोडायनामिक्स पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है।

विंडशील्ड दो प्रकार के होते हैं-

आम तौर पर वाहनों में दो प्रकार के विंडशील्ड का प्रयोग किया जाता है। बसों और कारों के सामने के शीशे तिरछे और सपाट हो सकते हैं। लेकिन क्वालिटी अगर ठीक ना हो, तो  इसके कारण कई बार वाहन चालक को वाहन चलाने में भी परेशानी होती है। यह धूल, कंकड़ और कीड़ों को रोकने के लिए उपयोगी है। इसे साफ रखना भी बेहद जरूरी है। खासकर बरसात और सर्दी के मौसम में लोग इसे साफ करने के लिए वाइपर का इस्तेमाल करते हैं। विंडशील्ड आम तौर पर दो प्रकार के होते हैं, लैमिनेटेड और टेम्पर्ड।

लैमिनेटेड विंडशील्ड और टेम्पर्ड विंडशील्ड में क्या अंतर है?

लैमिनेटेड विंडशील्ड को टेम्पर्ड विंडशील्ड से बेहतर माना जाता है। इसे बनाने में दो ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है, बीच में प्लास्टिक होने के कारण दुर्घटना होने पर यह टूटता नहीं है। वहीं दूसरी ओर जब साधारण कांच टूटता है तो वह कई टुकड़ों में टूटकर बिखर जाता है। वहीं लैमिनेटेड के टूटने की स्थिति में उसे रिपेयर भी किया जा सकता है। लेकिन टेम्पर्ड विंडशील्ड की मरम्मत करवाना असंभव है। इसके साथ ही लैमिनेटेड विंडस्क्रीन लोगों को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने का भी काम करती है।

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