2 Wheeler EV Future: ईवी वाहनों की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी बढ़ी है। दुनिया के अधिकांश देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को लेकर बढ़ाते रुझान से यह स्पष्ट हो जाता है कि वर्तमान में उपलब्ध ईंधन-आधारित पारंपरिक वाहनों की संख्या में आने वाले कुछ वर्षों में तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी। वजह स्पष्ट है आज इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन सबसे सुविधाजनक और ग्राहकों के आवश्यकता के अनुकूल वाहन हैं। आज हम ईवी इंडस्ट्री के बढ़ते दायरे के पीछे के 5 कारण को समझने की कोशिश करेंगे, जो आने वाले समय में ईवी के लिए गेम चेंजिंग साबित होने जा रहे हैं।
- 2 Wheeler EV वाहन की अधिकांश आबादी के लिए अफोर्डेबल है। माइलेज फैक्टर भी अब चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर की औसत रेंज 100-150 किमी तक होती है, जो रोजमर्रा की उपयोगिता के लिए पर्याप्त है।दुनिया भर में सरकार ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही हैं, जो लोगों के इस डर को दूर करता है कि ड्राइविंग करते समय उसका चार्ज खत्म होने की स्थिति में वो रास्ते में फंस सकते हैं।
- यहां तक कि भारत सहित अन्य विकसित देशों ने अधिक आबादी वाले शहरों में परिवहन को आसान बनाने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को प्राथमिकता दी गई है। भारत सरकार का लक्ष्य, 2030 तक 22 मिलियन ईवी की बिक्री के साथ पारम्परिक ऑटो इंडस्ट्री को इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बदलने का है।
- एक इलेक्ट्रिक वाहन के रख -रखाव की लागत एक पारम्परिक ईंधन आधारित वाहन की तुलना 60 प्रतिशत तक सस्ती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत 12 पैसे प्रति किमी तक ही आती है। केंद्र और राज्य सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के बढ़ावा देने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में ग्राहकों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है ताकि उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी और कम रोड टैक्स जैसी सुविधाओं का लाभ मिल सके।
- भारत में यूपी सहित अन्य राज्यों की सरकार लोगों को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के प्रयोग करने पर रोड टैक्स में 100% की छूट दे रही है। केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम II) कार्यक्रम भी उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।
- इलेक्ट्रिक वाहन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना उसके समकक्ष ईंधन-आधारित वाहन की तुलना में आसान है। 25 किलोमीटर प्रति घंटा या 250W तक की टॉप गति वाले वाहनों को रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें टैक्स और बीमा का भुगतान करने में भी छूट दी जाती है, ताकि ये युवाओं और वृद्ध लोगों के लिए सुलभ हो सकें।
भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन के कई मॉडल मौजूद है जिसकी कीमत 45 हजार रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है। Aponyx Electric Vehicles के को-फाउंडर मनीष चुघ बताते हैं कि दो पहिया वाहनों के फायदों को देखते हुए यह ज्यादा नहीं है। ऐसे बैंक और एनबीएफसी संस्थाएं इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की इच्छा रखने वाले ग्राहकों के लिए आकर्षक विकल्प भी पेश करते हैं। कुल मिलाकर, इलेक्ट्रिक टू व्हीलर परिवहन के मामले में क्रांति लेकर आई है जो पूरी तरह से जीवाश्म ईंधन से चलने वाले टू व्हीलर की जगह ले रहा है, और इसमें किसी को कई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि अगले कुछ वर्षों में उनकी मांग में भारी वृद्धि दिखाई दे।