इन दिनों अधिकांश मॉडर्न वाहन सर्विसिंग की याद दिलाने के लिए डैशबोर्ड पर एक लाइट जलाते हैं ताकि व्यक्ति को पता चल सके कि अब कार को सर्विस के लिए भेज देना चाहिए, लेकिन क्या होगा यदि आपकी कार कुछ साल पुरानी हो और उसमें ये सुविधाएं शामिल नहीं हो? सोचिए, यदि आप अपने वाहन की समय पर सर्विसिंग नहीं करवाते हैं तो क्या होता है? क्या आपके वाहन की नियमित सर्विस करवाने से कोई लाभ होता है? आज की इस स्टोरी में इन सभी सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे।
लॉग बुक से लगाएं पता
आपको अपने वाहन की कितनी बार सर्विसिंग करनी चाहिए। यह पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि ओनर्स मैनुअल की एक बार जांच कर लें। मैनुअल के पीछे, या आपके लॉग बुक में इसके बारे में जानकारी दी गई होती है। यदि आपके पास अपने वाहन की लॉग बुक नहीं है, तो मुख्य नियम यह कहता है कि हर 10,000 किमी या 6 महीने, जो भी पहले आए, अपनी गाड़ी की सर्विसिंग करा लेनी चाहिए। अगर आपने नई कार खरीदी है तो उसके लॉग बुक में दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सर्विस कराएं। आम तौर पर नई कार के लिए पहली सर्विसिंग 1000 किलोमीटर पर कराई जाती है।
यदि आप अपनी गाड़ी का इस्तेमाल रेगुलर नहीं करते हैं तब भी आपको समय-समय पर कार की जांच कराते रहना चाहिए, क्योंकि आपके वाहन में अधिकांश तरल पदार्थ नमी के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं और उन्हें कुछ समय पर बदलने की आवश्यक्ता होती है।
समय पर गाड़ी सर्विस नहीं कराने के नुकसान
यदि नियमित रखरखाव और पार्ट रिप्लेसमेंट नहीं किया जाता है तो ईंधन बचत, खराब ड्राइविंग एक्सपीरिएंस और यहां तक कि बड़ी टेक्निकल समस्या खड़ी हो जाने की संभावना बनी रहती है। समय पर जब आप इंजन ऑयल चेंज करावा देते हैं तो उससे इंजन की मजबूती बनी रहती है और उसके अंदर काले रंग की एक परत तैयार होने लगती है जो आपकी कार के इंजन को खराब कर देती है।
बाद में बनता है रिसाव का कारण
इंजन में जमा तेल को नहीं बदलने पर उसके अंदर कार्बन जमा हो जाता है, जो बाद में रिसाव का कारण बनता है। इसके साथ ही गाड़ी मालिक को कार में इस्तेमाल किए गए ब्रेक ऑयल की भी जांच समय पर करते रहना चाहिए। अगर अचानक से ड्राइविंग के दौरान ब्रेकिंग सिस्टम फेल हो जाता है तो कार किसी बड़ी घटना का शिकार हो सकती है। बता दें, अधिकांश कार कंपनियां तय की गई दूरी की परवाह किए बिना हर 2 साल में ब्रेकिंग सिस्टम को फ्लश करने की सलाह देती हैं।