Highlights
- टाटा मोटर्स ने कहा है कि सप्लाई में 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आने की उम्मीद है
- लोगों को 3 महीने से लेकर साल भर तक की वेटिंग की लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है
- कंपनी की कुल यात्री वाहन बिक्री 50 प्रतिशत के उछाल के साथ 35,299 इकाइयों पर पहुंच गई
नयी दिल्ली। भारतीय कार उद्योग बीते एक साल से चिप की भारी कमी से जूझ रहा है। कारों के लिए लोगों को 3 महीने से लेकर साल भर तक की वेटिंग की लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। इस बीच टाटा मोटर्स के एक बयान से आशा की किरण सामने आई है। टाटा मोटर्स ने कहा है कि बीते 6 महीनों के मुकाबले सप्लाई में 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आने की उम्मीद है। इससे ग्राहकों की वेटिंग लिस्ट में भी कमी आएगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कुछ सुधार हुआ है, इस पर टाटा मोटर्स पैसेंजर्स वेहिकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि यह अभी सामान्य नहीं हुआ है। लेकिन इस तिमाही के लिए परिदृश्य पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर दिखाई दे रहा है। ‘‘कुल मिलाकर कह सकते हैं कि पिछली दो तिमाहियों की तुलना में यह 10 से 15 प्रतिशत बेहतर है।’’
सेल्स बढ़ने का भरोसा
टाटा मोटर्स को भरोसा है कि वह इस साल भी वृद्धि की रफ्तार को कायम रख पाएगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने आपूर्ति पक्ष के मुद्दों के सुलझने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि इससे हमें बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुंबई स्थित टाटा मोटर्स पंच, नेक्सन और हैरियर जैसे मॉडलों की बिक्री करती है।
44 प्रतिशत बढ़ी सेल्स
चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी ने अपने डीलरों को 99,002 वाहनों की आपूर्ति की है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 68,806 इकाइयों के आंकड़े की तुलना में 44 प्रतिशत अधिक है। दिसंबर, 2021 में कंपनी की कुल यात्री वाहन बिक्री 50 प्रतिशत के उछाल के साथ 35,299 इकाइयों पर पहुंच गई, जो दिसंबर, 2020 में 23,545 इकाई रही थी।
लॉन्च होंगी नई कारें
कंपनी अपने ग्राहक आधार का विस्तार करने के लिए व्यापक वर्ग की दृष्टि से अधिक विकल्प लेकर आ रही है। पंच के साथ प्रवेश स्तर के एसयूवी खंड में उतरना इसका एक बेहतर उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हम वृद्धि वाले नए क्षेत्रों के लिए नए मॉडल उतारना जारी रखेंगे। पिछले दो साल से हम ऐसा कर रहे हैं। चंद्रा ने कहा कि कंपनी ने एसयूवी और सीएनजी मॉडल उतारे हैं। साथ ही कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की पेशकश जारी रखेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कुछ सुधार हुआ है, उन्होंने कहा कि यह अभी सामान्य नहीं हुआ है। लेकिन इस तिमाही के लिए परिदृश्य पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर दिखाई दे रहा है। ‘‘कुल मिलाकर कह सकते हैं कि पिछली दो तिमाहियों की तुलना में यह 10 से 15 प्रतिशत बेहतर है।’’
मैकलॉरेन स्ट्रेटजिक वेंचर्स बनाएगी चिप
मैकलॉरेन स्ट्रेटजिक वेंचर्स (एमएसवी) ने एटलस सिलिकॉन, एआय (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस) पहली कस्टमाइज्ड चिप डिजाइन वेंचर्स की शुरुआत की है, ताकि वैश्विक सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में क्रांति लाई जा सके। एटलस सिलिकॉन एक व्यापक इकोसिस्टम है जो एक छत के नीचे अवधारणा, डिज़ाइन, आईपी और उत्पादन को लाने के लिए डिजिटल सामंजस्य लाएगा। इस इकाई के पास चिप डिजाइन में विशिष्ट क्षमताएं होगी और अनेक क्षेत्रो में वैश्विक विशालकाय के साथ काम करेगी। समूह की भारत ग्रोथ योजना को बढ़ाने के लिए एमएसवी ने भारत में इस क्षेत्र में भारी निवेश करने की घोषणा की है और इसका लक्ष्य 2025 तक 300 मिलियन डॉलर का व्यवसाय करने की है।