भारत के साथ ही दुनिया के कई देशों में लगभग प्रत्येक दिन अलग-अलग कंपनी की कार और बाइक लॉन्च होती है। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए आज के समय में लोग कार का इस्तेमाल करते हैं। जिन लोगों के पास कार नहीं है वे इसे जल्दी ही खरीदने के लिए बजट बना रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने वाले लोग भी एक न एक दिन कार जरूर खरीदना चाहते हैं। कारों की लुक और डिजाइन के साथ फीचर्स को देखकर ही लोग इसे खरीदते हैं। क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे पहली कार कौन सी थी और उस समय इसकी क्या कीमत थी।
सिर्फ आर्मी के लिए दुनिया की पहली कार का किया गया था निर्माण
दुनिया की पहली कार का निर्माण आर्मी के लिए किया गया था। यह उस समय की बात है जब भारत सहित दुनिया के कई देश थे। एक के बाद एक अलग अलग देश के नागरिक आजादी की मांग कर रहे थे। उस समय वाहनों की जरूरत को समझते हुए आर्मी के लिए पहली कार का निर्माण किया गया था। आर्मी में काम करने वाले जवान इस पर बैठकर दूर-दूर तक घुसपैठियों को भगाने के लिए जाते थे। उस समय दुनिया की पहली कार पेट्रोल पर नहीं चलती थी।
पेट्रोल नहीं भाप से चलती थी ये कार
वर्ष 1769 में फ्रांस के एक नागरिक ने दुनिया की पहली कार का निर्माण किया था। उनका नाम निकोलस जोसफ कगनोट था। लुक और डिजाइन में यह कार आज के समय में निर्माण होने वाली कार से बिल्कुल अलग थी। फ्रांस के आर्मी में इस कार को शामिल करने के बाद आम जनता के लिए पेश किया गया था। इसे चलाने के लिए पेट्रोल डीजल या सीएनजी नहीं बल्कि भाप की जरूरत पड़ती थी। जैसे पुराने समय में ट्रेन चलाने के लिए कोयले का इस्तेमाल करते थे। ठीक इसी तरह इस कार को चलाने के लिए भी कोयले की जरूरत पड़ती थी।
आज भी हजारों लोग इस कार के साथ लेते हैं सेल्फी
फ्रांस की आर्मी इस पर गोला बारूद और अन्य हथियार डालकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाती थी। इस कार की स्पीड ज्यादा नहीं थी। आज के समय में हम जो कारें सड़कों पर देखते हैं इसकी स्पीड आमतौर पर 100–120 की होती है। दुनिया की पहली कार की स्पीड मात्र 4.82 kmph थी। इस कार पर पांच टन तक वजन रखकर कहीं भी जा सकते थे। इसे बनाने के लिए लोहे का इस्तेमाल किया गया था। इसे लगातार एक घंटा 15 मिनट तक चला सकते थे। वर्तमान समय में यह कार फ्रांस की राजधानी पेरिस में मौजूद है। म्यूजियम Musee des Arts et Metiers में इस कार के साथ सेल्फी लेने के लिए लोग जाते रहते हैं।