Sunday, November 24, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. ऑटो
  4. Normal Vs Power Petrol: गाड़ी की माइलेज और स्पीड दोनों चाहते हैं बढ़ाना, तो जानें कौन है आपके लिए बेस्ट?

Normal Vs Power Petrol: गाड़ी की माइलेज और स्पीड दोनों चाहते हैं बढ़ाना, तो जानें कौन है आपके लिए बेस्ट?

नॉर्मल पेट्रोल से पावर पेट्रोल अलग और महंगा होता है। महंगा इसलिए होता है क्योंकि उसकी क्वालिटी नॉर्मल पेट्रोल से अच्छी होती है। नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले पावर पेट्रोल हमारे पर्यावरण के लिए लाभदायक होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

Edited By: India TV Paisa Desk
Updated on: January 19, 2023 0:58 IST
Normal Petrol Vs Power Petrol - India TV Paisa
Photo:FREEPIK नॉर्मल पेट्रोल और पावर पेट्रोल में क्या फर्क है?

Normal Petrol Vs Power Petro: आपने अक्सर पेट्रोल पंप की लाइन में खड़े होकर गौर किया होगा कि एक नॉर्मल पेट्रोल के साथ ही एक पावर या प्रीमियम या स्पीड नाम से भी पेट्रोल के अलग-अलग विकल्प हैं। यह पेट्रोल नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले 4 से 7 रुपये तक महंगा मिलता है। अलग-अलग राज्य में पेट्रोल के अलग-अलग दामों के हिसाब से पावर पेट्रोल के दाम भी बदलते रहते हैं। अब आपके मन में अगर ये सवाल आते हैं कि आखिर ये पावर पेट्रोल क्या है, इसमें और नॉर्मल पेट्रोल में क्या फर्क है, ये नॉर्मल पेट्रोल से महंगा क्यों है, तो आपको अपने हर सवाल का जवाब आज मिलने वाला है। 

पावर पेट्रोल और नॉर्मल पेट्रोल में खासकर ऑक्टेन (Octane) का फर्क होता है।

क्या होता है पेट्रोल में ऑक्टेन?

अगर हम कार को शरीर माने तो पेट्रोल उसका ब्लड है। अब जैसे शरीर में ब्लड की क्वालिटी जितनी अच्छी होगी शरीर उतना स्वस्थ और मजबूत रहेगा। ठीक इसी तरह ऑक्टेन पेट्रोल की क्वालिटी नापने की एक इकाई है।

कैसे काम करता है ऑक्टेन?

ऑक्टेन कम या ज्यादा होने से इंजन पर क्या फर्क पड़ता है, ये जानने के लिए पहले हमें समझना होगा कि इंजन कैसे काम करता है। पेट्रोल जब इंजन के कम्प्रेशन चैम्बर में जाता है तब इंजन एयर और पेट्रोल को कम्प्रेस कर कमबस्ट करते हुए इग्नीशन शुरु करता है। ऐसे ही पावर जनरेट होती है। दरअसल जब फ्यूल और एयर सही तरीके से कम्प्रेस नहीं हो पाते हैं तब डेटोनेशन होती है। डेटोनेशन को आम भाषा में knock भी कहा जाता है। अब जितनी ज्यादा knock होंगी, उतनी ही ज्यादा मेहनत इंजन को करनी होगी।
नॉर्मल पेट्रोल में इंजन को ज्यादा knock करनी पड़ती है, सरल भाषा में कहें तो नॉर्मल पेट्रोल को कम्बस्ट करने में इंजन को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है वहीं हाई ऑक्टेन पेट्रोल को प्रोसेस करने में इंजन की मेहनत कम हो जाती है। जिससे इंजन बेहतर पर्फॉर्म कर पाता है।

नॉर्मल और एक्स्ट्रा ऑक्टेन पेट्रोल में है कितना अंतर?

भारत में नॉर्मल पेट्रोल 87-88 ऑक्टेन पर मिलता है, जबकि पावर, एक्स्ट्रा प्रीमियम या स्पीड पेट्रोल 91 से 94 ऑक्टेन तक अवेलेबल होता है। भले ही सुनने में ये फर्क सिर्फ 4-5 आक्टैन का हो लेकिन परफॉरमेंस में ये फर्क बहुत बड़ा हो जाता है।

पावर पेट्रोल है पर्यावरण का रखवाला

नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले पावर, स्पीड या एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल से चलने वाले वाहनों से कार्बन एमिशन कम निकलता है यानी एक नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले पावर पेट्रोल हमारे पर्यावरण के लिए लाभदायक होता है।

स्पीड और माइलेज दोनों के लिए बेहतर

पावर पेट्रोल की एक और खासियत है जो तेज गाड़ी चलाने वालों को पसंद आ सकती है। क्योंकि हाई ऑक्टेन पेट्रोल के कारण इंजन को कम मेहनत करना पड़ता है, इस कारण नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले हाई ऑक्टेन पेट्रोल से गाड़ी चलाने पर स्पीड भी बेहतर होती है और गाड़ी या बाइक की माइलेज भी बेहतर होती है। 

 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Auto News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement