Car ECU: ECU का इस्तेमाल सिर्फ कारों में ही नहीं बल्कि आज के समय में बाइक्स में भी होने लगा है। यह वाहन का माइलेज बढ़ाने के साथ ही प्रदूषण को कम करने में भी मदद करता है। बैटरी से सीधा कनेक्शन होने के कारण इसमें सेंसर्स का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर लोग गाड़ी की सर्विस करवाते वक्त इंजन ऑयल और दूसरे कंपोनेंट्स पर ध्यान देते हैं, लेकिन ECU चेक करना भूल जाते हैं। इसमें किसी भी तरह की खराबी होने पर गाड़ी स्टार्ट करने में दिक्कत होती है। कई बार लोग इस वजह से लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर पाते हैं।
ईसीयू को पानी से दूर रखें
बैटरी से सीधा संबंध होने के कारण उसमें शार्ट सर्किट होने की संभावनाएं रहती हैं। ज्यादातर लोग गाड़ी धोते समय इस पर बहुत कम ध्यान देते हैं। इसके खराब होने का सबसे बड़ा कारण पानी है। दरअसल, इसमें पानी आने से शार्ट सर्किट हो जाता है और इसके बाद वायरिंग की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। इंजन के पास ECU लगे होने से बोनट खोलने पर या बरसात के मौसम में नीचे से पानी घुसने का खतरा बना रहता है।
बैटरी की वायरिंग करते समय सावधान रहें
तार को बैटरी से जोड़ते समय लोग अक्सर प्लस और माइनस यानी गर्म और ठंडे पर ध्यान देते हैं, लेकिन कई बार गलती से इसे उल्टा भी लगा देते हैं। पॉजिटिव और निगेटिव के मिक्स होने से शॉर्ट सर्किट होने पर ईसीयू में फॉल्ट की आशंका रहती है। कार की बैटरी कम होने की वजह से ज्यादातर लोग किसी और से दूसरी बैटरी ले लेते हैं और उसे अलग वायरिंग के जरिए जोड़ देते हैं। ऐसे में कार स्टार्ट करने के बजाय ईसीयू में खराबी आने की संभावना रहती है।
लो वोल्टेज और बैटरी की खराबी
अचानक लो और हाई वोल्टेज आने से ईसीयू भी खराब हो सकता है। इस तरह की समस्या खासकर गर्मी के मौसम में होती है। इसके अलावा खराब बैटरी के ऊपर से वाहन को बार-बार चालू और बंद करना भी ECU को नुकसान पहुंचाता है। बैटरी के खराब होने से पहले उसे बदल देने से वाहन में बहुत सारी समस्याएं ठीक हो सकती हैं। ज्यादातर लोग डेड बैटरी पर ही कुछ दिनों तक गाड़ी चलाने की कोशिश करते हैं।