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क्या होता है ई-फ्यूल? जो भविष्य में ले सकता है पेट्रोल-डीजल की जगह

डीजल और पेट्रोल के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। नतीजन लोगों के घर का बजट बिगड़ने लगा है। यही कारण है कि कई देश ई-फ्यूल के उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि ई-फ्यूल क्या होता है और यह कैसे बनता है।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: March 10, 2023 17:05 IST
What is e-fuel and how it could replace diesel and petrol for vehicle- India TV Paisa
Photo:CANVA क्या है ई-फ्यूल? जो भविष्य में ले सकता है पेट्रोल-डीजल की जगह

What Is e- fuel: डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने वाहन चालकों के घर का बजट बिगाड़ दिया है। डीजल-पेट्रोल के दाम अगर इसी तरह आसमान छूते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब लोगों को वाहन खरीदने से पहले उसे चलाने के खर्च के बारे में सोचना पड़ेगा। शायद इसीलिए दुनिया कई देश ईंधन के दूसरे विकल्प तलाशने में जुट गए हैं। एक ओर जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रोडक्शन पर जोर दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर ई-फ्यूल को एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या होता है ई-फ्यूल?

डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों को देख ई-फ्यूल पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ई-फ्यूल क्या है। दरअसल, रिन्यूएबल एनर्जी को ई-फ्यूल कहा जाता है, जो बिजली हवा और पानी से मिलकर तैयार होने वाला ईंधन है। रिन्यूएबल या डीकार्बनाइज इलेक्ट्रिसिटी से बनने वाली गैस या लिक्विड ईंधन को ई-फ्यूल कहा जाता है। आप ई-मिथेन, ई-कैरोसिन या ई-मिथेनॉल को ई-फ्यूल कह सकते हैं। रिन्यूएबल एनर्जी कभी खत्म न होने वाला ईंधन है।

इस आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं। ई-फ्यूल एक तरह का हाइड्रोकार्बन है, जिसे रिन्‍यूएबल एनर्जी के प्रयोग से पानी में हाइड्रोजन और ऑक्‍सीजन को अलग किया जाता है। फिर हाइड्रोजन को कार्बनडाइऑक्साइड से अलग किया जाता है। जब ये हवा से छनकर बाहर निकलता है तो मेथेनॉल में बदल जाता है। फिर एक्सॉनमाबिल लाइसेंस तकनीक के इस्तेमाल से इसे गैसोलीन में बदल दिया जाता है। इसे ही ई-फ्यूल कहते हैं।

कितने प्रकार का होता है ई-फ्यूल?

ई-फ्यूल दो तरह का होता है। पहला गैस ई-फ्यूल और दूसरा लिक्विड ई-फ्यूल। गैस ई-फ्यूल में रिन्यूएबल हाइड्रोजन से पैदा होने वाला लिक्विड H2 और मिथेन गैस से पैदा होने वाला e-GNL होता है। वहीं, लिक्विड ई-फ्यूल में मिथेनॉल और ई-क्रूड जैसे ई-फ्यूल शामिल हैं। इसे सिंथेटिक क्रूड ऑयल भी कहते हैं। जो कैरोसिन और ई-डीजल से बनकर तैयार होता है।

कई देश ई-फ्यूल को भविष्य का ईंधन मान रहे हैं। इसमें जीरो एमिशन होता है और भारत समेत कई देशों ने अपने यहां एमिशन रेट को शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत जैसे बड़े देश में ई-फ्यूल को लाने के लिए हजारों अरब डॉलर की जरूरत होगी।

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