Car Immobilizer: वाहन निर्माता और कार मालिक दोनों ही वाहन की सुरक्षा को लेकर काफी सचेत रहते हैं। इसे खरीदने के बाद इसमें अलग-अलग गैजेट्स लगाकर चोरी होने से बचाया जाता है। आज के समय में ज्यादातर गाड़ियों में इमोबिलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्या चीज है और किस काम की? अगर कार इमोबिलाइजर को आसान शब्दों में समझें, तो वाहन की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है। अगर ये न हो तो पल भर में गाड़ी चोरी हो सकती है। पुराने समय में कुछ लोग कारों में गलत चाबी लगाकर चोरी कर लेते थे, लेकिन आज के दौर में किसी भी गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए उसी चाबी की जरूरत पड़ती है। मेन चाबी के बिना इसे स्टार्ट करना मुश्किल है।
कार इम्मोबिलाइजर क्या है?
इम्मोबिलाइजर वाहन की सुरक्षा के लिए एक टेक्नोलॉजी है। इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल किया जाता है। आज के समय में सामान्य चाबियों की जगह स्मार्ट चाबियां आ रही हैं जिसका ये फायदा है कि सही कोड मैच होने पर ही गाड़ी स्टार्ट की जा सकती है। किसी अन्य चाबी पर कोड से स्टार्ट नहीं कर सकते हैं। कोई भी इस डिवाइस को कार के अंदर ECU में एम्बेडेड देख सकता है। इस फीचर से लैस कई स्कूटर भी बाजार में आ चुके हैं। इसके इस्तेमाल से गाड़ी चोरी होने का खतरा ना के बराबर होता है।
इम्मोबिलाइजर कैसे काम करता है?
आमतौर पर चाबी चोरी हो जाती है या फिर कोई भी व्यक्ति गाड़ी स्टार्ट करने के लिए चाबी का इस्तेमाल करता है। यदि यह कार की मेन चाबी नहीं है, तो इम्मोबिलाइजर इसे पकड़ लेता है। इसके बाद कोशिश करने के बाद भी इग्नीशन स्टार्ट करना मुश्किल होता है। यह एंटी-थेफ्ट सिस्टम के रूप में भी बहुत अच्छा काम करता है। आज के वाहनों में एक स्पेशनल फीचर भी दिए जाते हैं, जिसे ट्रांसपोंडर चिप भी कहा जाता है, जिसे एक पासवर्ड की तरह समझा जा सकता है। कोई भी चाबी लगाने के बाद ट्रांसपोंडर कोड को रीड करना शुरू कर देता है।
इम्मोबिलाइजर इग्निशन सर्किट को सक्रिय करता है
ट्रांसपोंडर चिप कोड को रीड करने के बाद, अगर यह गलत है, तो इम्मोबिलाइजर फ्यूल सिस्टम को सक्रिय होने से रोकता है। गाड़ी तब तक स्टार्ट नहीं होगी। यूनी कोड के मिलने के बाद ही फ्यूल सिस्टम को एक्टिव किया जा सकता है। यह वाहन की सुरक्षा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण फीचर है। अगर आप कभी इसे खरीदने जा रहे हैं तो इसके बारे में जरूर पता कर लें।