Bank Angle Sensor: जब बाइक का एक्सीडेंट होता है, तो इसके फ्यूल टैंक में सबसे पहले नुकसान होता है। ऐसे में अगर टंकी में आग लग जाती है तो बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे न केवल बाइक सवार बल्कि आसपास के लोगों के लिए भी दुर्घटना हो सकती है। कई बार बाइक गिरने के बाद ही लोग चाबी निकालकर उसे जल्दी से बंद करने की कोशिश करते हैं। वायरिंग में कोई समस्या होने पर इसे बंद करना आसान नहीं होता है। ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए बीएस6 बाइक्स में बैंक एंगल सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे सुरक्षा सुविधा भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि बैंक एंगल सेंसर क्या है।
बैंक एंगल सेंसर क्या है?
पहले पुरानी बाइक्स में बैंक एंगल सेंसर का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। बीएस6 के आने के बाद से ज्यादातर बाइक्स इस फीचर के साथ लॉन्च की जा रही हैं। यह फ्यूल टैंक के नीचे स्थित होता है। इसे फ्यूल टैंक के नीचे देने के पीछे भी एक बड़ा कारण है। यह एक छोटा सा पार्ट है जिसे सेंसर भी कहा जा सकता है। यह बाइक को रोकने के काम आता है। इसे सिर्फ चाबी से ही नहीं बल्कि इस सेंसर के जरिए भी बंद करना बेहद आसान है।
बैंक एंगल सेंसर के क्या फायदे हैं?
पुरानी बाइक में दुर्घटना की स्थिति में गिरने के बाद भी स्टार्ट रहने पर आग लगने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में बैंक एंगल सेंसर बाइक को रोकने का काम करता है। कई बार वाहन के गिरने से फ्यूल लीक होने से आग लगने के चांसेस रहते हैं। इसी कारण इसका प्रयोग आधुनिक वाहनों में किया जाता है। बाइक को बाएं या दाएं मोड़ने के अलावा गिरने के तुरंत बाद रुक जाती है। ये हैं बैंक एंगल सेंसर के फायदे।
बाइक पर बैंक एंगल सेंसर कैसे काम करता है?
ईसीएम के जरिए बैंक एंगल सेंसर बाइक पर ग्राफिक्स को स्कैन करके सिच्युएशन का पता लगाता है। जब बाइक गिरती है या एक तरफ बहुत ज्यादा झुक जाती है तो बैंक एंगल सेंसर सिग्नल भेजना शुरू कर देता है। इसके बाद ही बाइक रुक जाती है। इसे फिर से तभी स्टार्ट किया जा सकता है जब तक कि बाइक के हैंडल की पोजीशन सीधी न हो और वह सीधा खड़ा हो। इस सुरक्षा सुविधा के कारण हर साल हजारों लोगों की जान बचाई जाती है।