केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को व्हीकल सर्विस लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने वाले प्लेटफॉर्म DigiELV की शुरुआत की। साथ ही इस मौके पर गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब तक देश भर में 85 व्हीकल्स स्क्रैप सेंटर को मंजूरी दी है। भाषा की खबर के मुताबिक, गडकरी ने यह भी कहा कि देश में वाहनों को कबाड़ में बदलने वाले 1,000 केंद्रों (व्हीकल्स स्क्रैप सेंटर) और 400 स्वचालित फिटनेस जांच केंद्रों की जरूरत है।
कोई भी व्यक्ति अपने सर्टिफिकेट को बेच सकता है
खबर के मुताबिक, डिजीईएलवी गाड़ियों की लाइफ अवधि खत्म होने वाला सर्टिफिकेट जमा करने का एक मंच है। पुरानी गाड़ी जमा करने का प्रमाणपत्र रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस प्लेटफ़ॉर्म के जरिये अपने सर्टिफिकेट को बेच सकता है। जमा सर्टिफिकेट उस समय जारी किया जाता है जब कोई यूजर्स आरवीएसएफ में अपने व्हीकल को कबाड़ में बदलने के लिए जमा करता है। गडकरी ने राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति को सभी जुड़े पक्षों के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि भारत दक्षिण एशिया में वाहनों का कबाड़ में बदलने का केंद्र बन सकता है।
राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था बेहद अहम है और इससे देश में नौकरियां पैदा होने जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त, 2021 में राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति जारी करते हुए कहा था कि इससे खस्ताहाल और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को फेज वाइज ढंग से हटाने में मदद मिलेगी और एक ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इस नीति के तहत केंद्र ने कहा था कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद खरीदे जाने वाले नए वाहनों को सड़क कर पर 25 प्रतिशत तक टैक्स छूट देंगे।
व्हीकल्स स्क्रैप पॉलिसी 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो गई है। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित कबाड़ नीति के मुताबिक, निजी वाहनों की 20 साल के बाद फिटनेस जांच की जाती है जबकि वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल पूरे होने के बाद इसकी जरूरत पड़ेगी।