कोरोना और फिर चिप संकट, देश की दोपहिया वाहन इंडस्ट्री अभी तक इन दो झटकों से उबर नहीं पाई है। हालांकि 2022 में सेल्स कुछ बढ़ती नजर आ रही है, लेकिन इसके बाद भी जानकारों का मानना है कि अभी भी 2018-19 के उच्चस्तर पर पहुंचने में करीब पांच वर्ष लग सकते है। बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री 2,44,42,366 इकाई रही थी। जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है।
ग्रामीण परिवारों की घटती आय है बड़ी समस्या
होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अत्सुशी ओगाता ने कहा कि ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि नहीं हुई है जबकि पिछले कुछ वर्षों में दोपहिया वाहनों की कीमतें बढ़ी हैं जिससे बिक्री में गिरावट आई है।
ऑफिस दोबारा खुलने से बढ़ी सेल
ओगाता ने कहा कि इस साल अप्रैल के बाद स्कूलों और विशेष कर सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के कार्यालय खुलने के साथ शहरी बाजारों में कुछ सकारात्मक गति आई है। उन्होंने कहा ग्रामीण बाजारों में दोपहिया वाहनों की बिक्री में सुधार अभी तक उच्चस्तर पर नहीं पंहुचा है।
त्योहारों में बढ़ेगी बिक्री
वित्त वर्ष 2018-19 में देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री 2,44,42,366 इकाई रही थी। यह 2021-22 में घटकर 1,34,66,412 इकाई रह गई। वहीं, एचएमएसआई ने 2018-19 में सबसे अधिक 61,23,877 इकाइयों की बिक्री की थी। ओगाता ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि अगले त्योहारी सीजन तक दोपहिया वाहनों की बिक्री और सुधरेगी और यह पिछले तीन साल के मुकाबले बेहतर होगी।’’
2023 तक भारत में आएगी फ्लेक्स फ्यूल वाली बाइक
होंडा ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह इस साल के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक रिक्शा के लिए बैटरी अदला-बदली सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। कंपनी वर्ष 2050 तक अपने सभी उत्पादों और कॉरपोरेट गतिविधियों के लिए कार्बन उत्सर्जन को शुद्ध रूप से शून्य करने की रणनीति के तहत 2023 तक भारत में ‘फ्लेक्स ईंधन’ वाली बाइक भी पेश करेगी।‘ फ्लेक्स ईंधन वाले वाहन पूरी तरह से पेट्रोल या बॉयो एथनॉल या दोनों के मिश्रण वाले ईंधन से चलने में सक्षम होते हैं।