Toll Tax New System: सरकार बैरियर-रहित टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लागू होने पर वाहन चालकों को टोल बूथ पर आधा मिनट के लिए भी खड़ा नहीं होना पड़ेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी के सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि बैरियर-रहित टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम का इस समय परीक्षण चल रहा है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर चल रहे परीक्षण के सफल होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। सिंह ने बताया कि देश में सड़कों पर तय की गई दूरी के आधार पर टोल भुगतान की व्यवस्था भी लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि टोल कलेक्शन की नई व्यवस्था लागू होने पर इसकी कैपेसिटी बढ़ेगी और यात्रा के समय में भी कमी आएगी।
टोल टैक्स के लिए नहीं करना होगा इंतजार
टोल टैक्स के लिए सरकार अभी दोनों माध्यम का इस्तेमाल कर रही है। ऑफलाइन कलेक्शन टोल टैक्स पर मौजूद कर्मचारी के द्वारा तथा ऑनलाइन कलेक्शन फास्टैग की मदद से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वाहनों में फास्टैग के इस्तेमाल से टोल बूथ पर लगने वाला समय घटकर 47 सेकंड रह गया है, लेकिन सरकार इसमें और भी कटौती करते हुए इसे 30 सेकंड से भी नीचे लाना चाहती है। इसके लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पायलट टेस्टिंग जारी है, जिसमें सैटेलाइट और कैमरा आधारित टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। आसान भाषा में कहें तो जैसे चालान काटने के लिए ट्रैफिक पुलिस सीसीटीवी कैमरे की मदद लेती है वैसे ही अब टोल टैक्स कलेक्ट करने के लिए भी ऐसा कैमरा बनाया गया है जो चलती गाड़ी का टोल टैक्स कलेक्ट कर सके। बता दें कि यह गाड़ी में दिख रहे नंबर प्लैट के आाधार पर संभव हो सकेगा।
इसके लिए नेटवर्क का किया जा रहा विस्तार
सिंह ने कहा कि जब आप किसी राजमार्ग पर प्रवेश करते हैं और आपके वाहन पर लगे रजिस्ट्रेशन नंबर को वहां लगा कैमरा स्कैन करता है तो उसके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि टोल बूथ तक पहुंचने के लिए आपने कितने किलोमीटर लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि यह मौजूदा व्यवस्था से अलग है जिसमें इससे कोई लेना-देना नहीं होता है कि आपने राजमार्ग पर कितना किलोमीटर सफर तय किया है। यह भुगतान टोल के नियमों पर आधारित होता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के दूरसंचार समेत तमाम क्षेत्रों में किए गए कार्यों की वजह से ही ऐसी प्रगति हो पा रही है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में सुधार होने से टोल प्लाजा पर वाहनों के आंकड़े जुटाने में मदद मिल रही है।
ये भी पढ़ें: कितने तरह की होती है बैटरी? EV के लिए बेहतर कौन, यहां जानें पूरी डिटेल