Wednesday, November 20, 2024
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EV बैटरी, चार्जिंग पर जीएसटी रेट में कटौती की जरूरत, प्रधानमंत्री ई-ड्राइव फंड में इजाफा करने की भी मांग

सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने कहा कि जीएसटी पर इन दो सुधारों से ईवी को उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में बहुत मदद मिलेगी। मोटवानी ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम का स्वागत करते हुए कहा कि बढ़ती मांग के साथ प्रोत्साहन राशि की समीक्षा करने की जरूरत है।

Edited By: Sunil Chaurasia
Updated on: November 20, 2024 20:54 IST
चार्जिंग सर्विसेज पर लग रहा है 18 प्रतिशत जीएसटी- India TV Paisa
Photo:REUTERS चार्जिंग सर्विसेज पर लग रहा है 18 प्रतिशत जीएसटी

FICCI की इलेक्ट्रिक व्हीकल कमेटी समिति की चेयरपर्सन सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने EV को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए बैटरी और चार्जिंग सर्विसज पर जीएसटी रेट को कम करने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने ईवी पर फिक्की के राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर बिजली से चलने वाली गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ई-ड्राइव फंड को बढ़ाने की भी वकालत की। मोटवानी ने कहा, ‘‘हम ईवी से जुड़े सेक्टरों पर जीएसटी टैक्सेशन को युक्तिसंगत बनाने के लिए जीएसटी काउंसिल से सिफारिश करेंगे।’’ 

चार्जिंग पर लग रहा है 18 प्रतिशत जीएसटी

उन्होंने मांगों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘‘फिलहाल चार्जिंग सर्विसेज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लग रहा है, हम इसे घटाकर 5 प्रतिशत करने का अनुरोध करेंगे, ताकि उपभोक्ताओं को कम खर्च में चार्जिंग उपलब्ध हो।’’ उन्होंने कहा कि ईवी में इस्तेमाल होने वाली बैटरी पर भी जीएसटी रेट को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाना चाहिए। मोटवानी काइनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पावर सॉल्यूशंस की फाउंडर और सीईओ भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ईवी पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि बैटरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। 

प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम के तहत प्रोत्साहन राशि की समीक्षा की मांग

सुलज्जा ने कहा कि जीएसटी पर इन दो सुधारों से ईवी को उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में बहुत मदद मिलेगी। मोटवानी ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम का स्वागत करते हुए कहा कि बढ़ती मांग के साथ प्रोत्साहन राशि की समीक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चूंकि मांग बढ़ रही है, इसलिए शायद प्रोत्साहन राशि की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि प्रधानमंत्री ई-ड्राइव में काफी संभावनाएं हैं और ये इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होगी।’’ 

सरकार ने अक्टूबर में शुरू की थी प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना

बताते चलें कि केंद्र सरकार ने इस साल अक्टूबर में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोमोट करने, चार्जिंग इंफ्रा की स्थापना और भारत में ईवी मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना शुरू की थी। ये योजना 1 अक्टूबर, 2024 से 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगी।

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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