दुनिया में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक गाड़ी (Electric Vehicle) बेचने वाली कंपनी बीवाईडी (BYD) ने इंडियन मार्केट (Indian Market) में एंट्री ले ली है। कंपनी ने अपना प्रोडक्शन प्लांट चेन्नई में स्थापित किया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कंपनी भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार को त्योहारी सीजन में उतार सकती है। गौरतलब है कि भारत EV गाड़ियों का हब बन गया है। केंद्र सरकार (Central Government) इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए सब्सिडी दे रही है। यही कारण है कि दुनिया भर की ऑटो कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही है। बता दें, बीवाईडी चीन (BYD China) की कार कंपनी है।
बीवाईडी भारत में करेगी मैन्यूफैक्चरिंग
बीवाईडी भारतीय मार्केट को लेकर काफी गंभीर नजर आ रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले साल दिल्ली में होने वाले ऑटो एक्सपो (Delhi Auto Expo 2023) में उसकी कई कारें देखने को मिल सकती है। फिलहाल कंपनी भारत में असेंबलिंग की शुरुआत करेगी, लेकिन आने वाले समय में भारत में ही मैन्यूफैक्चरिंग करने की योजना है। यह अगले दो साल में 10 हजार कारों को भारत में असेंबल करने जा रही है। कंपनी चेन्नई के पास स्थित श्रीपेरूम्बुदुर के अपने असेंबलिंग प्लांट में कार असेंबल करेगी। अनुमान है कि आगामी फेस्टिव सीजन में कंपनी की कार भारतीय मार्केट में देखे जा सकते हैं।टेस्ला से भी अधिक होती है बीवाईडी की सेल
दुनिया में सबसे अधिक फेमस इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला को हाल ही में बीवाईडी ने सेल के मामले में पीछे छोड़ा है। जनवरी-जून 2022 के आंकड़ों पर नजर डाले तो मालूम पड़ता है कि इस दौरान टेस्ला ने मात्र 5.6 लाख ईवी की बिक्री की थी, जबकि BYD 6.4 लाख ईलेक्ट्रिक गाड़ी मार्केट में सेल करने में सफल रही थी। बता दें, बीवाईडी में दिग्गज इन्वेस्टर वॉरेन बफेट (Warren Buffet) ने भी पैसा लगाया हुआ है।
EV मार्केट के बढ़ने से प्रदुषण रोकने में भी मिलेगी मदद
देश में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) के चलते स्थिति भयावह होती जा रही है। केंद्र से लेकर राज्य की सरकारें कई तरह की नीतियां बना रही हैं ताकि प्रदुषण पर काबू पाया जा सके। गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी इसका एक बड़ा कारण हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने हाल ही में कहा था कि वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन (Alternative Fuel) के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल (Crude Oil) के आयात में कमी और साथ ही प्रदूषण में कटौती के लिए इन वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि देश में 35 प्रतिशत प्रदूषण डीजल और पेट्रोल के कारण होता है। इसलिए हमें आयात मुक्त, लागत प्रभावी, प्रदूषण रहित और स्वदेशी उत्पादों की जरूरत है। देश की पहली इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बस को उतारे जाने के मौके पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन बहुत अधिक लागत प्रभावी है।