टाटा मोटर्स की स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (SUV) खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर है। कंपनी अपने सबसे ज्यादा बिकने वाली हैरियर और सफारी में नया दमदार इंजन लगाने की तैयारी कर रही है। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि टाटा मोटर्स एक नया पेट्रोल पावरट्रेन विकसित कर रही है जिसका इस्तेमाल उसके प्रीमियम स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) हैरियर और सफारी में किया जाएगा। ये मॉडल अभी दो लीटर डीजल इंजन के साथ आते हैं। उन्होंने कहा कि इंजन बनाया जा रहा है और आगे चलकर इसे दो मॉडलों में पेश किया जाएगा।
सालाना 2 लाख डीजल इंजन गाड़ियों की बिक्री
उन्होंने कहा कि कंपनी ने केवल डीजल पावरट्रेन पर ध्यान केंद्रित किया है, क्योंकि उस खंड में प्रतिवर्ष करीब दो लाख इकाई का 80 प्रतिशत बाजार डीजल पर निर्भर है। इस खंड में हैरियर और सफारी आती हैं। चंद्रा ने कहा कि हमारा शुरुआत में डीजल पर ध्यान एक साधारण कारण से गया कि इस एसयूवी खंड के लिए दो लाख इकाई के बाजार का 80 प्रतिशत मूल रूप से डीजल है, जिसका मतलब है कि ग्राहक इसके बेहतर ‘टॉर्क’ प्रदर्शन के कारण डीजल को पसंद करते हैं।
1.5 लीटर जीडीआई इंजन पर काम कर रही कंपनी
प्रबंध निदेशक ने कहा कि कंपनी 1.5 लीटर जीडीआई इंजन पर काम कर रही है। कार्य प्रगति पर है। इसे उचित तरीके से विकसित किए जाने की आवश्यकता है और इसके अलावा उत्पाद को इंजन के साथ एकीकृत करना होगा। चंद्रा ने कहा, ‘‘ इसके अलावा हम क्षमता निर्माण पर भी काम कर रहे हैं। यह (पेट्रोल इंजन) थोड़ा दूर है लेकिन यह आने वाला है।’’ टाटा मोटर्स ने पिछले सप्ताह क्रमशः 15.49 लाख रुपये और 16.19 लाख रुपये की शुरुआती कीमत के साथ हैरियर और सफारी के नए मॉडल पेश किए थे। हैरियर और सफारी के इन उन्नत संस्करणों को ग्लोबल एनसीएपी से शीर्ष सुरक्षा रेटिंग मिली है।
स्टीलबर्ड तमिलनाडु में नया संयंत्र लगाएगी
प्रमुख हेलमेट कंपनी स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया तमिलनाडु के होसुर में एक नया विनिर्माण कारखाना लगाने के लिए 250 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। कंपनी के फिलहाल बद्दी (हिमाचल प्रदेश) और नोएडा में चार-चार संयंत्र हैं। कंपनी का लक्ष्य दो साल के समय में होसुर संयंत्र से प्रतिदिन 20,000 से अधिक इकाइयों का उत्पादन हासिल करने का है। स्टीलबर्ड के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने कहा कि हम यह संयंत्र दक्षिण भारत के विभिन्न ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) की मांग को पूरा करने के लिए लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती चरण में हम इस परियोजना में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। दो साल में इस संयंत्र में कुल 250 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।