टाटा मोटर्स को उम्मीद है कि भारतीय यात्री वाहन बाजार वर्ष 2030 तक सालाना 60 लाख यूनिट्स तक पहुंच जाएगा और कंपनी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 18-20 प्रतिशत करने के लिए नए मॉडल उतारने की तैयारी कर रही है। कंपनी के एक टॉप अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने यहां एक सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि वर्ष 2027 से सख्त कैफे-3 (कॉरपोरेट औसत ईंधन दक्षता) मानदंड लागू होने से इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और सीएनजी वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ेगी। जबकि पारंपरिक पेट्रोल, डीजल इंजन (आईसीई) वाले वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
होंगे कई बदलाव
चंद्रा ने कहा, ‘‘हमने वाहन उद्योग के भविष्य के रुझानों और अगले पांच से छह वर्षों में होने वाले विकास पर ध्यान दिया है। हम इन पांच-छह वर्षों में कई बदलाव होते हुए देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारतीय यात्री वाहन उद्योग (पीवी) वित्त वर्ष 2029-30 तक 60 लाख यूनिट तक पहुंच जाएगा, जो मूल रूप से अब से छह प्रतिशत की वृद्धि प्रवृत्ति होगी। यह वृद्धि खर्च-योग्य आय में बढ़ोतरी और वाहनों को जल्द बदल देने जैसे कारकों से प्रेरित होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एसयूवी के लिए ग्राहकों की बढ़ती प्राथमिकता और एसयूवी सेगमेंट में लगातार नए मॉडल की उम्मीद को देखते हुए इस सेगमेंट की हिस्सेदारी ऊंची बनी रहेगी और ऐसा हैचबैक एवं सेडान कारों की कीमत पर होगा।’’
2029-30 तक 18-20% की बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य
टाटा मोटर्स की महत्वाकांक्षाओं पर चंद्रा ने कहा, ‘‘हम इन सभी बदलावों का लाभ उठाने और बाजार को मात देने वाली वृद्धि प्रदान करने की योजना बना रहे हैं। हम वित्त वर्ष 2029-30 तक 18-20 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य बना रहे हैं और ऐसे कई कारकों का इस्तेमाल बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए करेंगे।’’ इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी अपने उत्पादों की पेशकश बढ़ाएगी। फिलहाल कंपनी सात मॉडल की पेशकश करती है। अगले दो साल में कंपनी कर्व और सिएरा मॉडल उतारने वाली है। वित्त वर्ष 2023-24 में टाटा मोटर्स की घरेलू यात्री वाहन बाजार में हिस्सेदारी 13.9 प्रतिशत रही। चंद्रा ने कहा कि टाटा मोटर्स परंपरागत इंजन विकल्पों के साथ ईवी और सीएनजी पर भी ध्यान दे रही है। इसके लिए कंपनी राजस्व के छह-आठ प्रतिशत का निवेश करने की तैयारी है। ईवी सेगमेंट में अगले पांच-छह साल में 16,000 करोड़ रुपये से 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है।