घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स ने मारुति, महिंद्रा और हुंडई जैसी ऑटो कंपनी को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल, कंपनी के दो एसयूवी मॉडल- सफारी और हैरियर, स्वदेशी कार सुरक्षा रेटिंग कार्यक्रम भारत-एनकैप के तहत फाइव स्टार रेटिंग मिली है। यह मुकाम हासिल करने वाली ये दोनों मॉडल पहले वाहन बन गए हैं। टाटा मोटर्स ने एक बयान में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के हवाले से सफारी और हैरियर मॉडल को वयस्क एवं बच्चा दोनों श्रेणियों में फाइव स्टार सुरक्षा रेटिंग मिलने की जानकारी दी। बयान के मुताबिक, गडकरी ने भारत-एनकैप परीक्षण के दौरान अधिकतम सुरक्षा रेटिंग पाने के लिए टाटा मोटर्स की तारीफ की।
टाटा मोटर्स वाहनों की सुरक्षा को लेकर सजग
टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि कंपनी के दो वाहनों को भारत-एनकैप से फाइव स्टार रेटिंग मिलना सम्मान की बात है। उन्होंने वाहनों की सुरक्षा के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई। सरकार ने अगस्त में भारतीय मानकों के अनुरूप वाहनों की सुरक्षा प्रणाली को आंकने के लिए भारत-एनकैप कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम को उच्चतम वैश्विक सुरक्षा मानकों के आधार पर तैयार किया गया है।
क्या है भारत-एनकैप
एनकैप वैश्विक स्तर पर वाहनों को सुरक्षा मान्यता देने वाला समूह है, जो दुर्घटना की स्थिति में कई पहलुओं के आधार पर वाहनों की सुरक्षा को लेकर रेटिंग देता है। क्रैश टेस्ट में पांच स्टार रेटिंग जहां सबसे अच्छी होती है, वही शून्य स्टार की रेटिंग वाहन की सुरक्षा की नजर से सबसे खराब मानी जाती है।
इस तरह दी जाती है रेटिंग
भारत-एनसीएपी के तहत कार निर्माताओं या आयातकों को सरकार की ओर से मनोनीत एजेंसी को फॉर्म 70-ए में आवेदन करना होगा। यह एजेंसी वाहन उद्योग मानक (एआईएस)-197 के तहत उनके मोटर वाहन को स्टार रेटिंग देती है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, बीएनसीएपी कुल 3.5 टन से कम वाहन के वजन वाली श्रेणी में एम 1 के अनुमोदित वाहनों पर लागू होगा। क्रैश टेस्ट में सेफ्टी के आधार पर कारों की 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाती है।