दुनियाभर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी है। भारत भी उन देशों में शामिल है, जहां इलेक्ट्रिक कार और बाइक की मांग पिछले एक साल में डबल से अधिक हो गई है। ऐसे में क्या आप सोच सकते हैं कि दुनिया का कोई ऐसा देश जो अपने यहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर रहा है। यह खबर आपको थोड़ी देर के लिए चौका सकता है लेकिन ये बिल्कुल सही है। दुनिया की विकसित देशों में शुमार स्विट्जरलैंड अपने यहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री रोकने की योजना बना रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में अधिकारियों ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जो ब्लैकआउट और बिजली कटौती को रोकने के लिए बिजली के उपयोग को प्रतिबंधित करेगा। अगर ऐसा होता है तो स्विट्जरलैंड ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा।
जलविद्युत पर बहुत अधिक निर्भर है ये देश
स्विट्जरलैंड अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जलविद्युत पर बहुत अधिक निर्भर है। देश की लगभग 60 प्रतिशत बिजली जलविद्युत से आती है। हालांकि, सर्दियों के महीनों के दौरान उत्पादन धीमा हो जाता है। देश पड़ोसी फ्रांस और जर्मनी से भी बिजली का आयात करता है, जो दोनों अब यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोप के बाकी हिस्सों की तरह ऊर्जा संकट का सामना कर रहे हैं।
बिजली उत्पादन 30 साल के निचले स्तर पर
फ्रेंच यूटिलिटी EDF ने 2022 में परमाणु रिएक्टर आउटेज की रिकॉर्ड संख्या के कारण अपने बिजली उत्पादन में 30 साल के निचले स्तर पर गिरावट देखी। फ्रांस यूरोप के ऊर्जा संकट के प्रति अधिक संवेदनशील है, जो कि यूक्रेन में युद्ध के नतीजों से फैला हुआ है। कुछ अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में कम परमाणु उपलब्धता और वहां की मांग विशेष रूप से तापमान-संवेदनशील होने के कारण है।
रूस ने बढ़ाई मुश्किलें
प्रमुख तेल और गैस निर्यातक रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण ने एक ऊर्जा संकट पैदा कर दिया है और यूरोप के देशों को प्रेरित किया है, जो अपनी आपूर्ति में विविधता लाने के लिए रूसी डिलीवरी पर अत्यधिक निर्भर थे। स्विट्जरलैंड इस प्रकार संभावित ब्लैकआउट की तैयारी कर रहा है। प्रस्ताव के तहत देश इमारतों में ऊर्जा के उपयोग को प्रतिबंधित करने की योजना बना रहा है और संगीत कार्यक्रम, थिएटर प्रदर्शन और खेल आयोजनों पर भी प्रतिबंध लगा सकता है। अगर हालात और बिगड़ते हैं तो स्विट्जरलैंड इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को सिर्फ जरूरी यात्राओं तक सीमित करना चाहता है।