Highlights
- करीब 7 लाख से अधिक ग्राहक हैं जिन्हें अपनी नई कार का इंतजार है
- मारुति सुजुकी के सामने 2.5 लाख से अधिक की वेटिंग
- देश में इस समय हर महीने 45000 ग्राहक अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं
नोएडा में रहने वाली अवनी चतुर्वेदी को इस साल दिवाली पर मोटा बोनस मिला। अवनी अपने लिए कार खरीदने को लेकर कई दिनों से सोच रही थीं। सो उन्होंने अपने लिए मारुति की कार बुक कर दी। दिसंबर आ गया है, लेकिन अवनी अभी तक अपनी कार के इंतजार में हैं। अंग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार देश अवनी जैसे ही करीब 7 लाख से अधिक ग्राहक हैं जिन्हें अपनी नई कार का इंतजार है। कार कंपनियों के पास इसका एक ही जवाब है, सेमीकंडक्टर चिप की कमी।
सेमीकंडक्टर की कमी कार कंपनियों की बैलेंसशीट ही नहीं बिगाड़ रही हैं, बल्कि इस कमी ने कस्टमर्स का मूड भी बिगाड़ दिया है। सियाम के आंकड़ों के अनुसार देश में इस समय हर महीने 45000 ग्राहक अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं, जबकि इसी साल अगस्त में यह आंकड़ा मात्र 20 से 25 हजार था। सरकार भी कह रही है कि संकट को पूरी तरह से खत्म होने में अगले साल की पहली छमाही खप जाएगी।
किस कार की कितनी वेटिंग
कार की वेटिंग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी के सामने 2.5 लाख से अधिक की वेटिंग का पहाड़ खड़ा है। वहीं हुंडई और टाटा एवं महिंद्रा को 1 लाख से अधिक कारों की डिलिवरी करनी है। किआ मोटर्स के पास 75,000 से ज्यादा और एमजी मोटर्स के पास 46,000 से ज्यादा की वेटिंग है। इसके अलावा फॉक्सवैगन, स्कोडा, टोयोटा, निसान, रेनॉ, ऑडी सभी को मिलाकर 75,000 से ज्यादा कारों डिलिवर करनी है। सस्ती कारों के अलावा मर्सिडीज़ जैसी महंगी कार के लिए भी 2,800 से ज्यादा की वेटिंग है।
1 साल लंबा इंतजार
ग्राहकों का कहना है कि वेटिंग की अवधि कुछ महीनों की होती तो इंतजार बनता था, लेकिन कई कारों के लिए वेटिंग की अवधिक साल भर की भी है। महिंद्रा XUV7OO, मारुति की सीएनजी कारें; हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टोस, एमजी एस्टर, टाटा पंच, मर्सिडीज जीएलएस और ऑडी ईट्रॉन इलेक्ट्रिक जैसी एसयूवी के लिए 6 महीने से लेकर साल भर तक की वेटिंग अवधि दी गई है।
ग्राहक इस बात को लेकर हैं खफा
कार की डिलिवरी न मिल पाने के चलते ग्राहक भी खफा हैं। ग्राहकों का कहना है कि यदि कंपनियों के पास मांग पूरी करने के लिए चिप नहीं हैं तो वे नए मॉडल्स की धड़ाधड़ लॉन्चिंग कैसे कर रहे हैं। कार कंपनियां बुकिंग तो ले रही हैं लेकिन डिलिवरी नहीं कर पा रही हैं। दूसरी ओर ये कंपनियां अगले साल की शुरुआत से दाम बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं। ऐसे में बुकिंग के बाद डिलिवरी कर भी दी तो ग्राहकों को बढ़ी हुई कीमत अदा करनी होगी।