भारत जैसे विशाल देश में सड़कों के जाल बिछे हुए है। इंफ्रास्ट्रक्चर को ज्यादा से ज्यादा बेहतर करने के लिए भारत में प्रतिदिन लगभग 30 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग का निर्माण हो रहा है। 200 से अधिक नेशनल हाईवे के साथ भारत में इनकी कुल लंबाई 70548 किलोमीटर है। अनेकों एक्सप्रेस-वे हैं। स्टेट हाईवे को गिना जाए तो आंकड़ा बहुत ही ज़्यादा होगा। हालांकि लोगों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए कई नियम भी बनाए गए हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग हैं जो पूरे नियमों को जानते हैं।
क्या आप भी घर के पास ही जाने के लिए टू-व्हीलर उठाते हैं और टी-शर्ट, नेकर और चप्पल पहनकर निकल पड़ते हैं तो जरा संभल जाइए, ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है। जी हां, बहुत कम लोग जानते हैं कि नेकर और चप्पल में वाहन चलाना मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक दंड की श्रेणी में आता है। इतना ही नहीं अधिनियम के अनुसार चप्पल न पहनकर वाहन चालने पर वाहन चालक पर जुर्माने के तौर पर एक हजार रुपए का फाइन लगाया जा सकता है। वहीं नेकर या हाफ पेंट में वाहन ड्राइव करने पर दो हजार रुपए के चालान का प्रावधान है। तो अगली बार अगर आप भी टी-शर्ट पहनकर कर, हाफ पेंट और चप्पलों में टू-व्हीलर चला रहे हैं तो संभल जाएं क्योंकि ये लापरवाही आपको महंगी पड़ सकती है।
दरअसल, बिना हेलमेट के टू-व्हीलर चलाना या फिर कार चलाते समय सीट बैल्ट न लगाने पर चालान होने के नियम तो हम सभी जानते हैं, लेकिन इसके अलावा भी मोटर वाहन अधिनियम में ऐसे कई नियम हैं जिनसे ज्यादातर लोग अंजान हैं। सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों की जिंदगी सुरक्षित रहे, इसी उद्देश्य से भारत में नए ट्रैफिक नियम 2021 लागू किए गए हैं। आपको बता दें कि, भारत में प्रतिवर्ष 1,75,000 मौतें सड़क दुर्घटना से होती हैं।
बच्चों ने नहीं माने नियम तो माता-पिता दोषी
नए नियम के तहत सामान्य चालान 500 रुपए का है। वाहन के आकार से छेड़छाड़ करने पर 5000 रुपए का चालान भरना पड़ सकता है। ओवर स्पीड में पाए जाने पर 2000 रुपए का चालान कटता है। बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के पाए जाने पर 5000 रुपए का चालान लगता है। आरसी के बिना पकड़े जाने पर, बिना परमिट गाड़ी चलाने पर और नशे में गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर दस-दस हजार रुपए का चालान देना पड़ता है। नशे में दूसरी बार ड्राइविंग करने पर 15000 रुपए का चालान और दो साल जेल का प्रावधान है। बच्चों के द्वारा बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर माता-पिता पर 25,000 रुपए जुर्माना लगता है। सीट बेल्ट के बिना सफर करने पर प्रत्येक यात्री को 1000 रुपए का चालान भरना पड़ता है। बाइक चलाते समय यदि आप जूता न पहनकर चप्पल पहने हुए हैं तो 1000 रुपए का चालान देना पड़ सकता है। जबकि बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति यदि हाफ पेंट में है तो उन्हें आपसे अधिक चालान भरना पड़ेगा, उनके चालान की राशि 2000 रुपए होगी।
करोड़ों के चालान बकाया
जुर्माने की इस मोटी राशि के बावजूद लोग बेधड़क ट्रैफिक रूल्स तोड़ रहे हैं। और भारी मात्रा में चालान भी भर रहे हैं। नोएडा में पिछले दिनों 500 बुलेट ऐसी पाई गई जिनके साइलेंसर मॉडिफाइड थे। ट्रैफिक पुलिस ने केवल एक महीने में 75 लाख रुपए चालान के रूप में वसूले। प्रयागराज में हाल के महीनों में डेढ़ लाख से अधिक वाहन चालकों के चालान काटे गए हैं। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, पटना, पुणे, भुवनेश्वर और जयपुर को मिलाकर यहाँ के लोग प्रतिदिन लाखों के चालान भरते रहते हैं। एक अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुणे में 130 करोड़ रुपए की चालान की राशि भुगतान बाकी है। मुंबई में चालान की कुल 122.43 करोड़ की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इस साल बेंगलुरु में प्रतिदिन लगभग 44 लाख रुपए चालान के रूप में वसूले गए हैं। आपको बता दें चालान के माध्यम से वसूली गई राशि के बंटवारे के भी नियम हैं। केंद्र शासित प्रदेशों के चालान की राशि केंद्र के पास जाती है, जबकि राज्यों के चालान की राशि राज्य के पास। यदि चालान नेशनल हाईवे पर हुआ तो राशि केंद्र और राज्यों में बंट जाती है। यदि चालान स्टेट हाईवे पर हुआ तो राशि एकमुश्त राज्य सरकार के खाते में चली जाती है।