भारतीय कार बाजार और भारतीय ग्राहक दुनिया की बड़ी कार कंपनियों के लिए किसी अबूझ पहेली से कम नहीं हैं। तभी तो हुंडई जैसी चुनिंदा कंपनियों को छोड़ दें तो कोई भी विदेशी कार कंपनी भारतीय बाजार में अधिक समय तक टिक नहीं पाई हैं। बीते एक दशक में भारत फोर्ड और जनरल मोटर्स की विदाई देख चुका है। वहीं निसान, फॉक्सवैगन और स्कॉडा जैसी कंपनियां मामूल सेल्स और सीमित ग्राहक वर्ग के साथ भारतीय बाजार में रेंग ही रही हैं। बीते कुछ साल में भारत में इन कंपनियों ने ऐसे प्रोडक्ट अचनाक बंद किए हैं जो भारतीय बाजार में बेहद लोकप्रिय तो हुए लेकिन लंबे समय तक सेल्स को बरकरार नहीं रख पाए।
फॉक्सवैगन पोलो
भारत से विदा देने वाली कारों में सबसे नया नाम फॉक्सवैगन पोलो का है। जर्मनी की इस दिग्गज कंपनी ने बीते हफ्ते पोलो का उत्पादन बंद करने की घोषणा की है। पोलो को 12 साल पहले 2009 में भारतीय बाजार में लॉन्च किया गया था। पोलो देश में फॉक्सवैगन के सबसे सफल मॉडलों में से एक रही है, इसकी 3 लाख से ज्यादा यूनिट बिक चुकी हैं। इस कार की कीमत और महंगा रखरखाव इसकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा रही है। इस सेगमेंट में हुंडई की आई20 से लेकर मारुति की बलेनो अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
रेनॉल्ट डस्टर
रेनॉल्ट डस्टर को हाल ही में कंपनी ने अपनी वेबसाइट की लिस्ट से हटा दिया है। हालांकि कंपनी ने अभी तक इसकी औपचारिक विदाई की घोषणा नहीं की है। एक समय भारतीय एसयूवी बाजार पर एक छत्र राज करने वाली रेनॉन्ट डस्टर की सेल काफी गिर गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि कंपनी भारतीय बाजार के लिए एसयूवी के उत्पादन को भी बंद कर सकती है। हाल के कुछ वर्षों में डस्टर की मांग में गिरावट जारी है। इसका प्रमुख कारण बाजार में तगड़ा कंपटीशन रहा। जिसके कारण डस्टर लगातार पिछड़ती गई।
फोर्ड ईकोस्पोर्ट
फोर्ड की ये कॉम्पेक्ट एसयूवी एक समय अपने सेगमेंट की बादशाह रह चुकी है। अपने दमदार डीजल इंजन के साथ इसने भारतीय बाजार में काफी धूम मचाई। EcoSport को भारत में 2013 में लॉन्च किया गया था। यह पहली मेड इन इंडिया एसयूवी थी जिसे कई सारे यूरोपियन मार्केट में बेचा गया है। लेकिन बीते साल जब फोर्ड ने भारत में अपना कारोबार समेटा तब यह एसयूवी भी भारतीय बाजार से विदा हो गई।
शेवरले बीट और स्पार्क
एक समय मारुति 800 और अल्टो को टक्कर दे रही शेवरले स्पार्क भी 2017 में जनरल मोटर्स की विदाई के साथ ही भारत में बंद हो गई। इसके साथ ही डीजल में पेश की गई देश की सबसे पहली छोटी कार शेवरले बीट भी भारत को गुडबाय बोल गई। यह कार 1.2 लीटर डीजल और 1 लीटर पेट्रोल वेरिंट के साथ आती थी। वहीं स्पार्क में 800 सीसी का इंजन दिया गया था।
फिएट पुंटो
दुनिया की दिग्गज कार कंपनी फिएट भारत में कई दफा एंट्री और एक्जिट ले चुकी है। एक समय प्रीमियर पद्मिनी का नाम से कार बनाने वाली कंपनी ने 90 के दशक में पालियो के साथ एंट्री ली। लेकिन चल नहीं पाई। एक बार फिर करीब 10 साल पहले फिएट ने छोटी कार पुंटो पेश की। लेकिन यह भी ज्यादा चल नहीं पाई और देखते ही देखते भारत से विदा हो ली।