देश के महानगरों में आवाजाही के लिए आजकल बाइक टैक्सी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की रोक ने देश की राजधानी में इस फलते फूलते कारोबार का पुलिंदा बांध दिया। हालांकि दिल्ली के बाहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य शहरों में अभी भी बाइक टैक्सी का धंधा बदस्तूर जारी है।
लेकिन अब दिल्ली से सटे नोएडा में इस कारोबार से जुड़े लोगों के माथे पर पसीना आने लगा है। नोएडा का परिवहन विभाग शहर और उसके बाहरी इलाकों में रजिस्टर्ड बाइक टैक्सियों की जांच के लिए एक अभियान चलाने की योजना बना रहा है। माना जा रहा है कि दिल्ली के बाद अब नोएडा में भी बाइक टैक्सी पर सरकारी नियम सख्त हो सकते हैं।
क्यों उठ रहे हैं बाइक टैक्सी पर आरोप
नोएडा के परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 2,446 रजिस्टर्ड बाइक टैक्सी चल रही हैं। इसके अलावा कई बाइक निजी नंबर पर टैक्सी की सेवाएं दे रही है। नोएडा का प्रशासन ऐसी ही गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बाइक टैक्सी की जांच का अभियान शुरू करने जा रहा है।
क्या हैं बाइक टैक्सी के नियम
नियमों के मुताबिक, बाइक टैक्सी का कमर्शियल रजिस्ट्रेशन होना चाहिए और उस पर पीले रंग की नंबर प्लेट होनी चाहिए। लेकिन ज्यादातर मामलों में देखने को मिला है कि ओला और उबर जैसी कंपनियां निजी बाइकों को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत दे रही हैं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग एक अभियान चलाएगा और कमर्शियल एक्टिविटी में शामिल ऐसे वाहनों को जब्त करेगा।
दिल्ली में बंद हो चुकी है बाइक टैक्सी
देश की राजधानी दिल्ली में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का डंडा इन बाइक टैक्सी पर 21 फरवरी को ही चल गया था। दिल्ली सरकार ने इसी तरह के मुद्दों पर राष्ट्रीय राजधानी में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगा दिया। दिल्ली परिवहन विभाग ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत यात्रियों को ले जाने के लिए गैर-परिवहन (प्राइवेट) रजिस्टर्ड नंबर वाले टू-व्हीलर वाहनों का उपयोग नहीं किया जा सकता। पिछले महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसे लाइसेंस देने से इनकार करने के खिलाफ एक बाइक टैक्सी एग्रीगेटर को राहत देने से इनकार कर दिया था।