Highlights
- इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की मुख्य वजह बैटरी की खराब गुणवत्ता है
- चीन से आयात किया जा रहा है बैटरी भारतीय स्थिति के लिए डिजाइन नहीं किया गया है
- रेंज और लुक की बात लेकिन सेफ्टी का ब्योरा नहीं दे रहीं कंपनियां
नई दिल्ली। देश के अधिकांश राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार है। इसके चलते हाल के दिनों इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की मांग तेजी से बढ़ी थी लेकिन Ola, Okinawa समेत दूसरी कंपनियों की ई—स्कूटर में आग लगने की घटना के बाद कई सवाल लोगों के मन में तैरने लगे हैं। चौक-चौराहे पर ईलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता पर बहस छिड़ गई है। ऐसे में ईलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों की विश्वसनियता पर सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या वाकई में इलेक्ट्रिक स्कूटर सुरक्षा मानदंडों पर खरा उतरता है या मोटी कमाई के चक्कर में कंपनियां सेफ्टी को भूल गई है। आइए, आपके सभी सवालों का जवाब हम देते हैं।
बैटरी की खराब गुणवत्ता आग की मुख्य वजह
बैटएक्स एनर्जी के सह-संस्थापक और सीटीओ, विक्रांत सिंह ने बातया कि इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की मुख्य वजह बैटरी की खराब गुणवत्ता, विशेष रूप से बीएमएस (बैटरी प्रबंधन प्रणाली) है। इसके अलावा, बैटरी स्टोरेज सिस्टम मॉनिटरिंग और बैटरी ओवरचार्जिंग, ओवरहीटिंग आदि प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि अभी जो चीन से बीएमएस (बैटरी प्रबंधन प्रणाली) बैट्ररी को आयात किया जा रहा है वह भारतीय मौसम की स्थिति के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। इसके चलते आग लगने की घटना सामने आ रही है। अभी अधिकांश कंपनियां चीन से आयतित बैट्ररी का ही इस्तेमाल कर रहीं हैं। भारतीय ईवी कंपनियों को भारतीय मौसम के अनुसार अपना स्वयं का बीएमएस विकसित करना होगा तभी आग लगने की घटना पर रोक संभव हो पाएगा।
रेंज और लुक की बात लेकिन सेफ्टी का ब्योरा नहीं
ऑटो एक्सपर्ट मुराद अली बेग ने इंडिया टीवी को बताया कि इलेक्ट्रिक स्कूटर क्षेत्र में अंधी दौड़ शुरू हो गई है। कंपनियां सिंगल चार्ज में रेंज की बात तो करती है लेकिन सेफ्टी को लेकर कोई ब्योरा नहीं दे रही है। उपभोक्ता भी इलेक्ट्रिक स्कूटर में सेफ्टी की जानकारी लेने के लिए उत्सुक नहीं है। वहीं, दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल वाहन जैसा इस क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल को कोई सुरक्षा मानक तय नहीं किया है। इसका फायदा भी इलेक्ट्रिक कंपनियां उठा रही हैं। चीन से बैट्ररी, मोटर और दूसरे पार्ट मंगाकर ई-स्कटूर को असेंबल कर भारत में बेचना शुरू कर रही हैं। ई-स्कूटर को सुरक्षा मानक जांचने के लिए कोई पैमाना नहीं है। इसका परिणाम है कि ओला-ओकिनावा की स्टूकर में दिनदहाड़े आग लगी है। ये दोनों बड़ी कंपनियां है। इनका जब यह हाल है तो स्टार्टअप कंपनियों का क्या होगा यह आकलन करना मुश्किल है।
सेफ्टी स्टैंडर्ड को लेकर सवाल जरूर करें
वाहन विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी कंपनी की इलेक्ट्रिक स्कूटर लेने से पहले ग्राहक को सेफ्टी को लेकर सवाल जरूर पूछनी चाहिए। आमतौर पर अभी उपभोक्ता ई-स्कूटर की रेंट, बैटरी, मोटर, लुक आदि की जानकारी जुटा रहो है लेकिन इससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि वह सेफ्टी को लेकर सवाल पूछे और जानकारी जुटाएं। क्या आप जो स्कूटर खरीदने जा रहे हैं वो सुरक्षा मानक टेस्ट में सफल हुई है। क्या कंपनी ने कहीं से इसको सर्टिफाइड कराया है। अगर, नहीं कराया है तो उस स्कूटर को बिलकुल नहीं खरीदें। आप थोड़े पैसे बचाने के चक्कर में अपने जान के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं।