दुनिया भर के देश इस समय कच्चे तेल की महंगाई की आग में झुलस रहे हैं। श्रीलंका से लेकर पाकिस्तान और नेपाल जैसे देश कच्चे तेल की कीमतों के चलते तबाही की कगार पर हैं। लेकिन इस मुश्किल वक्त के बीच भी भारत ने एक खास जुगाड़ से करोड़ों रुपये की बचत की है। साथ ही यह विदेशी मुद्रा बचाने में भी योगदान दे रहा है। यह जुगाड है पेट्रोल में एथेनॉल की ब्लेंडिंग।
8 साल में बचाए 50 हजार करोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में की जा रही एथेनॉल ब्लेंडिंग से हुई बचत का खुलासा किया। एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ने पिछले सात-आठ वर्षों में पेट्रोल के साथ इथेनॉल को सम्मिश्रण करके विदेशी मुद्रा में 50,000 करोड़ रुपये बचाए हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल प्लांट को राष्ट्र के लिए समर्पित करते हुए, मोदी ने कहा कि 50,000 करोड़ रुपये की समान राशि गन्ना किसानों के पास गई है। बता दें कि भारत सरकार ने 10 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य समय से पहले ही प्राप्त कर लिया है।
एथेनॉल ब्लेंडिंग से होगी पर्यावरण की सुरक्षा
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि, भारत ने समय सीमा से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि 900 करोड़ रुपये का इथेनॉल प्लांट खेतों में फसल अवशेष के जलने की समस्या का एक स्थायी समाधान प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि पनीपत में दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल प्लांट से हरियाणा और दिल्ली में प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल प्लांट जैव ईंधन के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक के रूप में गैर-खाद्य बायोमास का उपयोग करते हैं।
8 साल में उत्पादन 40 से 400 करोड़ लीटर पहुंचा
पीएम मोदी ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन आठ वर्षों में 40 करोड़ लीटर से 400 करोड़ लीटर से बढ़कर 400 करोड़ लीटर हो गया है। यह परियोजना लगभग 3 करोड़ लीटर इथेनॉल सालाना उत्पन्न करने के लिए 2 लाख टन चावल के भूसे का उपयोग करेगी। इसके परिणामस्वरूप ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी भी होगी।
भारत ने किया 551 बिलियन डॉलर का तेल आयात
आपको बता दे की, 2020-21 में 551 बिलियन अमरीकी डॉलर की लागत से भारत का पेट्रोलियम का शुद्ध आयात 185 MT था। अधिकांश पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग परिवहन में किया जाता है। इसलिए, एक सफल E20 कार्यक्रम देश को प्रति वर्ष 1 बिलियन अमरीकी डालर, यानी 30,000 करोड़ रुपये बचा सकता है।