Maruti Suzuki India: भारत में सबसे अधिक गाड़ी बेचने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने भारत एवं जापान (India and Japan) के बीच की साझेदारी को सफल बताया है। उन्होनें कहा है कि अगर दोनों देश विनिर्माण क्षेत्र में पूरे भरोसे और भागीदारी के साथ काम करते हैं तो वे दुनिया में सबसे अच्छे साबित होंगे।
जापान की कंपनियां भारत में करना चाहती निवेश
भारत और जापान के बीच बढ़ती साझेदारी भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि के लिए एक बड़ा सकारात्मक कारक होने वाली है। मारुति सुजुकी कंपनी के साथ भारत और जापान ने चार दशक पहले वाहन विनिर्माण में साझेदारी की शुरुआत की थी। मारुति सुजुकी और कुछ अन्य क्षेत्रों में हमें देखने को मिली भारत-जापान साझेदारी धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। अब अधिक संख्या में जापान की कंपनियां भारत में निवेश के लिए दिलचस्पी दिखा रही हैं और वे भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर रही हैं। यह भारत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
जापान के साझेदारों से सीखने की जरूरत
उन्होंने कृषि एवं निर्माण उपकरण बनाने वाली कंपनी एस्कार्ट्स कुबोता का जिक्र करते हुए कहा कि अब कुबोता इस इकाई में एक प्रवर्तक बन गई है। भारत और जापान के बीच इस तरह की साझेदारी भारतीय विनिर्माण की वृद्धि के लिए एक बड़ा सकारात्मक कारक होने वाली है। जापानी साझेदारों से उनके कौशल, बेहतरीन कामकाजी शैली और प्रबंधन प्रणाली के बारे में बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
इस समय के वैश्विक हालात भारत के अनुकूल है। इसमें सरकार की तरफ से उठाए गए विभिन्न सुधारात्मक कदमों की भी अहम भूमिका है। जब दुनिया यह देखती है कि भारत भी बदल रहा है और विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धी बनने से उसे रोकने वाले पहलू भी अब बदल रहे हैं। जल्द दुनिया में सबसे ज्यादा गाड़ी बनाने वाले देशों की लिस्ट में भारत शामिल होगा।
भारत के 43 फीसदी हिस्से पर मारुति सुजुकी का कब्जा
उन्होंने भारत के पास सक्षम कार्यबल को एक बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि कुछ छोटे देश बहुत अच्छे हो सकते हैं लेकिन उनके पास वह श्रमशक्ति नहीं है जो हमारे पास है। ऐसे में अगर भारत और जापान मिलकर काम करते हैं तो इस गठजोड़ को कोई मात नहीं दे सकता है। भारतीय यात्री वाहन बाजार के 43 फीसदी हिस्से पर मारुति सुजुकी का कब्जा है। अगर भारत और जापान पूरी भागीदारी और विश्वास के साथ काम करते हैं तो चीन समेत कोई भी दूसरा देश भारत से बेहतर नहीं कर पाएगा।