Highlights
- Maruti Alto का नेक्स्ट जनरेशन मॉडल अगले महीने लॉन्च कर सकती है
- कंपनी ऑल्टो की डिजाइन में बड़े बदलाव कर सकती है
- ऑल्टो की लॉन्चिंग के बाद से कंपनी इसके दो एडिशन लॉन्च कर चुकी है
Maruti Car Launching : मारुति सुजुकी फिलहाल लॉन्चिंग के मामले में टॉप गियर में दिख रही है। कंपनी ने हाल ही में अपनी एसयूवी ब्रेजा का फेसलिफ्ट लॉन्च किया वहीं कल नई एसयूवी ग्रांड विटारा से पर्दा उठाया है। अब कंपनी अपनी सबसे सस्ती और अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में से एक ऑल्टो को नए अवतार में पेश कर रही है। कंपनी ऑल्टो का नेक्स्ट जनरेशन मॉडल अगले महीने लॉन्च कर सकती है। माना जा रहा है कि क्विड से मिल रही टक्कर के चलते कंपनी ऑल्टो की डिजाइन में बड़े बदलाव कर सकती है। इसके साथ ही ऑल्टो में नया इंजन भी मिल सकता है।
ऑटोमोबाइल से जुड़ी जानकारियां देने वाली मैंगजीन ऑटोकार इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ऑल्टो के नेक्स्ट-जेन मॉडल की टेस्टिंग जारी है, इसे कई बार स्पाई कैमरों से कैप्चर भी किया गया है। संभव है कि त्योहारों की शुरुआत के साथ ही मारुति ऑल्टो के नए फेसलिफ्ट वजर्न को लॉन्च कर सकती है।
नया इंजन और प्लेटफॉर्म
ऑल्टो की लॉन्चिंग के बाद से कंपनी इसके दो एडिशन लॉन्च कर चुकी है। आने वाला संस्करण ऑल्टो की थर्ड जनरेशन मॉडल होगा। कंपनी पुरानी ऑल्टो से एक दम अलग इसे नया प्लेटफॉर्म और पावरट्रेन देने जा रही है। माना जा रहा है कि ऑल्टो को मॉड्यूलर हार्टेक्ट प्लेटफॉर्म पर तैयार किया जाएगा। नेक्स्ट-जेन ऑल्टो में नया K10C 1.0-लीटर डुअलजेट पेट्रोल इंजन मिल सकता है जो इंजन 89 एनएम का पीक टॉर्क और 67 एचपी पावर देता है।
शानदार होगा डिजाइन
नई ऑल्टो को पहले से लंबा और चौड़ा बनाने के लिए डिजाइन में भी कई बदलाव किए गए जा सकते हैं। कंपनी ने इसी साल सेलेरियो को भी नई डिजाइन में पेश किया था। ऑल्टो की डिजाइन भी इसी के आसपास होने की उम्मीद है। नई ऑल्टो की स्टाइलिंग युवाओं की पसंद को देखते हुए आक्रामक बनाया जा सकता है। इसके हेडलैम्प्स और फॉग लैंप्स में बदलाव हो सकते हैं। साथ मेश ग्रिल को फ्रंट बंपर को भी बदला जाएगा।
2000 में लॉन्च हुई थी ऑल्टो
ऑल्टो मारुति का सबसे अधिक समय तक चलने वाले मॉडल में से एक है। ऑल्टो को 2000 में भारतीय बाजार में पेश किया गया था। यह 2004 तक ऑटोमेकर की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई। पिछले 20 सालों में मारुति सुजुकी ऑल्टो की कुल 43 लाख से ज्यादा यूनिट्स बिक चुकी हैं।
घट रही है छोटी कारों की बिक्री
बीते दशक तक भारतीय सड़कों पर मारुति और हुंडई की छोटी कारों का जलवा होता था। यह तस्वीर कंपनियों के बिक्री आंकड़ों में साफ दिखाई पड़ती थी। मारुति की टॉप सेलिंग कारों में आधी से ज्यादा अल्टो और वैगनआर जैसी कारें शामिल होती थीं। लेकिन अब तस्वीर बिल्कुल उलट है। FY19 में, सियाम के आंकड़ों के अनुसार, एंट्री-लेवल हैचबैक कार सेगमेंट में कारों की बिक्री का 13.6% हिस्सा था, और इसके पांच मॉडल थे - मारुति सुजुकी ऑल्टो, पुरानी वैगन आर, हुंडई ईऑन, रेनॉल्ट क्विड और टाटा नैनो।
कंपनियों ने बंद किए मॉडल
हुंडई ने हाल ही में रिलॉन्च की गई अपनी छोटी कार सेंट्रो को बंद करने का फैसला किया है। इससे पहले FY20 में जहां टाटा की नैनो और हुंडई की Eon के बंद होने और Maruti Suzuki के पुराने Wagon R को बंद करने के बाद उनकी बिक्री हिस्सेदारी घटकर 10.6% हो गई। पिछले वित्त वर्ष में, यह शेयर और गिरकर 9.8% और 2022 में 7.8% हो गया।
छोटी कारों में दिख रहा है 'नैनो इफेक्ट'
हमने लखटकिया नैनो का इतिहास देखा है। इस कार को सस्ती या गरीबों की कार कहकर प्रचारित किया गया। लेकिन भारत कार अभी भी स्टेटस सिंबल है। ऐसे में कार खरीदने के बाद भी आपका स्टेटस न बढ़े तो यह ग्राहकों को गवारा नहीं होता। ऐसे में आज के युवा ग्राहक प्रीमियम हैचबैक या सब 4 मीटर सेडान और एसयूवी का रुख कर रहे हैं।