मारुति 800 कार ने आज यानी 14 दिसंबर 2023 को 40 साल पूरे कर लिए हैं। यह कोई साधारण कार नहीं है, बल्कि भारत की ऑटोमाबाइल इंडस्ट्री की तरक्की की नींव रखने वाली एक बेहद स्पेशल कार है। कंपनी की पहली कार Maruti 800 या एम800 मॉडल की पहली यूनिट है और सफेद रंग की है,दक्षिण दिल्ली में मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के मुख्यालय के ब्रांड सेंटर में खड़ी है। इस कार ने भारत में व्हीकल इंड्स्ट्री में क्रांति ला दी।
40 साल पहले इस दिन हुई थी लॉन्च
पहली बार मारुति 800 कार को 14 दिसंबर, 1983 को पेश किया गया भारत तब भी लाइसेंस राज के अधीन था। एम800 मॉडल, 1991 में आर्थिक उदारीकरण का गवाह भी बनी। मारुति 800 को आम जन की कार कहा जाता है। भाषा की खबर के मुताबिक,इस कार ने हिंदुस्तान मोटर की एंबैस्डर कार और प्रीमियर पद्मिनी के एकाधिकार को चुनौती देते हुए उस समय भारत के सुस्त पड़े यात्री वाहन बाजार में हलचल मचा दी थी। लॉन्च होने के कुछ ही समय में यह लाखों मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों की पहली पसंद बन गई।
सबसे पहला कस्टमर
मारुति 800 कार के पहले कस्टमर थे हरपाल सिंह। कंपनी ने इन्हें 1983 में इस कार की पहली यूनिट की चाबियां सौंपे जाने के बाद से एम800 के 1986-87 में संचयी रूप से एक लाख इकाइयों का उत्पादन किया। हरपाल सिंह ने 1983 में एक लकी ड्रॉ में इसे जीता था। उस समय बाज़ार में उपलब्ध दूसरे प्रोडक्ट्स के मुकाबले सुजुकी कहीं बेहतर टेक्नोलॉजी से लैस थी। आज से 40 साल पहले लॉन्च के समय इस कार की कीमत 47,500 रुपये थी।
कार का प्रोडक्शन इस साल से कर दिया गया बंद
साल 1992-93 में मारुति 800 का संचयी प्रोडक्शन रिकॉर्ड पांच लाख यूनिट रहा। फिर 1996-97 तक यह दोगुना होकर 10 लाख यूनिट हो गया और 1999-2000 में 15 लाख यूनिट का आंकड़ा पार कर गया। एम800 का उत्पादन 2002-03 में 20 लाख यूनिट और 2005-06 में 25 लाख यूनिट के आंकड़े को पार कर गया। कंपनी ने 18 जनवरी, 2014 से एम800 का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया। तब एम800 का संचयी उत्पादन 29.2 लाख इकाई था। इससे पहले एमएसआई ने अप्रैल, 2010 से हैदराबाद, बेंगलुरु, कानपुर और पुणे सहित 13 शहरों में मारुति 800 की बिक्री बंद कर दी थी। घरेलू बाजार में इस मॉडल की कुल 26.8 लाख इकाइयां बिकीं और 2.4 लाख इकाइयों का निर्यात हुआ।
जिक्र कई लोगों की पुरानी यादों को ताजा कर देता है ताजा
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के चेयरमैन आर.सी.भार्गव ने एक बार कहा था कि जब मौजूदा कार निर्माताओं हिंदुस्तान मोटर्स और प्रीमियर को टेक्नोलॉजी इम्पोर्ट करने की भी अनुमति नहीं थी, एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की स्थापना इतने कम प्राथमिकता वाले क्षेत्र में की गई और उसे विदेशी हिस्सेदारी लाने को भी कहा गया। भले ही अब मारुति 800 का प्रोडक्शन अब बंद हो गया है, लेकिन अब भी इसका जिक्र कई लोगों की पुरानी यादों को ताजा कर देता है।