देश में सड़क हादसों को कम करने की कोशिश के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि पुलिस रिपोर्ट के प्रारंभिक विश्लेषण को आधार बनाकर दुर्घटना की आशंका वाली जगहों पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। राज्यों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि इन सुधारात्मक कदमों के लिए हादसे की आशंका वाली जगहों को ‘ब्लैक स्पॉट’ घोषित करने का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए। भाषा की खबर के मुताबिक, इसके स्थान पर राज्य सरकार और एनएचएआई इन जगहों से संबंधित पुलिस रिपोर्ट के विश्लेषण को आधार बना सकते हैं।
फौरन कदम उठाने को कहा गया
खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं और इनमें कमी लाने की कोशिशों के बीच यह सर्कुलर जारी किया है। इसमें दुर्घटना स्थलों पर आसान और सुरक्षित आवागमन से संबंधित मुद्दों को ठीक करने के लिए फौरन कदम उठाने को कहा गया है। सभी सड़क हादसों के बारे में पुलिस की तरफ से संबंधित जानकारी को ईडीएआर प्लेटफॉर्म पर दर्ज कराया जाता है।
मंत्रालय ने कहा कि सभी एग्जिक्यूटिव इंजीनिरों को दुर्घटना स्थलों पर जाने और दुर्घटनाओं या मृत्यु की वजह के प्रत्यक्ष विश्लेषण के आधार पर इंजीनियरिंग उपचारात्मक उपायों के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए लॉगिन आईडी जारी की गई हैं।
'ब्लैक स्पॉट' को समझ लीजिए
राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 500 मीटर के ऐसे हिस्से जहां तीन सालों में कम-से-कम पांच दुर्घटनाएं और उनकी वजह से 10 मौतें हुई हैं, उन्हें 'ब्लैक स्पॉट' के रूप में नामित किया जाता है। सरकार की तरफ से साल 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, कुल दुर्घटनाओं में से 72.4 प्रतिशत दुर्घटनाएं ओवर स्पीडिंग (ज्यादा तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना) के चलते हुई हैं। दुर्घटनाओं के पीछे ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जाना बड़ी वजह रही।
साल 2022 के दौरान देश में कुल 4,61,312 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से,1,51,997 (32.9%) राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित एक्सप्रेसवे पर हुईं। इसके अलावा 1,06,682 (23.1%) दुर्घटनाएं चालू राज्य राजमार्ग (एसएच) और बाकी 2,02,633 (43.9%) दूसरी सड़कों पर हुईं।