भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से रेपो दर में लगातार की गई बढ़ोतरी से कर्ज महंगा होने के बावजूद वाहनों की बिक्री पर असर नहीं पड़ा है। गाड़ियों की जोरदार बिक्री से ऑटो लोन 22% बढ़कर 5 लाख करोड़ के पार निकला गया है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ऑटो लोन का बकाया मई में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 5.09 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले मई, 2022 में इसका आकार 4.16 लाख करोड़ रुपये था। मई, 2021 में बकाया वाहन ऋण 3.65 लाख करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि आरबीआई ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए मई, 2022 से नीतिगत रेपो दर में लगातार कई बार बढ़ोतरी की और यह चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे वाहन ऋण समेत तमाम कर्ज महंगे हो गए हैं।
गाड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ी
हालांकि, कर्ज महंगे होने का भी वाहनों की बिक्री पर असर नहीं पड़ा। वाहन डीलरों के संगठन फाडा ने भी जून में वाहनों की खुदरा बिक्री बढ़ने के आंकड़े दिए हैं। फाडा के मुताबिक, जून में वाहनों की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ी है। इसमें दोपहिया, तिपहिया, यात्री वाहन, ट्रैक्टर और वाणिज्यिक वाहन भी शामिल हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा के उपाध्यक्ष एवं कॉरपोरेट रेटिंग प्रमुख रोहन कंवर गुप्ता ने कहा कि यात्री वाहनों के लिए मांग मजबूत बनी हुई है। ऐसा वाहनों की कीमत और वित्तपोषण लागत बढ़ने के बावजूद देखा जा रहा है।
नए मॉडल खरीदने की चाह में ले रहें कर्ज
एंड्रोमीडा सेल्स और अपनापैसा डॉट कॉम के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा कि नए डिजाइन एवं फीचर से लैस वाहनों की कीमत बढ़ गई है जिससे कर्ज लेकर वाहन खरीदने की दर तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा वाहन खरीद के कर्ज का आकार भी बढ़ता जा रहा है। वाहन कंपनियों के संगठन सियाम ने अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर नौ प्रतिशत बढ़कर 9,95,974 इकाई हो जाने का आंकड़ा दिया है।