जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और सितंबर के बाद हर तीन से छह महीने में एक नया मॉडल पेश करेगी। जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने बुधवार को साझेदारी को अंतिम रूप देने की घोषणा करते हुए कहा कि चीन की एसएआईसी और भारत की जेएसडब्ल्यू ग्रुप का नया बना ज्वाइंट वेंचर मौजूदा समय में ‘मारुति’ जैसा माहौल पैदा करना चाहेगा। बता दें, जेएसडब्ल्यू और एमजी मोटर्स इंडिया की ओर से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बेचने के लिए ज्वाइंट वेंचर किया है, जिसका नाम जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है।
प्रीमियम गाड़ियां भी बेचेगी कंपनी
आज मुंबई में हुए ईवेंट में कंपनी ने अपनी प्रीमियम पेसेंजर कार साइबरस्टर को पेश किया। ये एक इलेक्ट्रिक सपोर्ट कार होगी। कंपनी का दावा है कि ये एक किफायती सपोर्ट कार होगी। हालांकि, इसकी कीमत का कोई खुलासा नहीं हुआ है। इसमें 77 किलोवॉट का बैटरी पैक दिया हुआ है। यह कार 536 बीएचपी की पावर जनरेट करेगी और इस कार की रेंज सिंगल चार्ज में 580 किलोमीटर हो सकती है।
कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ाएंगे
कंपनी द्वारा हर तिमाही में एक नई गाड़ी लॉन्च करने की योजना बनाई गई है। साथ ही गुजरात के हलोल और ओडिशा के कटक में उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 1,00,000 यूनिट्स से 3,00,000 यूनिट किया जाएगा। जिंदल ने आगे बताया कि उनका उद्देश्य 2030 तक इस ज्वाइंट वेंचर को देश की नंबर 1 न्यू एनर्जी कार कंपनी बनाना है। कंपनी ने 2030 तक 10 लाख इलेक्ट्रिक कार बेचने का लक्ष्य रखा है। उस कंपनी को उस समय तक कुल बाजार एक करोड़ वाहन सालाना का होने की उम्मीद है।
एमजी मोटर इंडिया के मानद चेयरमैन राजीव छावा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि हमने घोषणा की है कि हम गुजरात के हलोल में अपने मौजूदा संयंत्र के पास ही अपना दूसरा संयंत्र लगाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी की उत्पादन क्षमता सालाना एक लाख इकाई से बढ़कर लगभग तीन लाख वाहन सालाना हो जाएगी। क्षमता विस्तार और नए मॉडलों की पेशकश पर कंपनी 5,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करेगी।