भारत में मर्सिडीज, बीएमडब्लू से लेकर जेगुआर जैसी प्रीमियम लक्जरी कारों में जल्द ही जेके टायर देखने को मिल सकता है। कंपनी ने हाई पर्फोर्मेंस प्रीमियम टायर ब्रैंड लेविटास को भारत में लॉन्च कर दिया है। कंपनी के अनुसार यह टायर भारत के प्रीमियम लक्जरी कारों के मार्केट को ध्याना में रखते हुए पेश किया गया है।
जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी डॉ. रघुपति सिंघानिया ने लेविटास अल्ट्रा रेंज टायर लॉन्च किए। उन्होंने बताया कि इसे जर्मनी में कठिन रोड परिस्थितियों में टेस्ट किया गया है और भारत में तैयार किया गया है। ये अल्ट्रा हाई परफॉमेंस टायर ज्यादा कंफर्ट, कम शोर और बेहतर स्टैबिलिटी के साथ आए हैं। भारतीय सड़क की स्थिति और जलवायु के लिए उपयुक्त लेविटास अल्ट्रा रेंज प्रीमियम कारों के लिए 25/55 R16 से लेकर 245/45 R18 तक 7 साइज में पेश की गई है।
आपको बता दें कि लेविटास अल्ट्रा को ईंधन बचत के लिए 5 स्टार रेटिंग दी गई है। लेविटास अल्ट्रा रेंज टायर 1 अप्रैल 2023 से प्रमुख शहरों में उपलब्ध होंगे। लॉन्च के मौके पर टिप्पणी करते हुए डॉ. रघुपति सिंघानिया ने कहा कि जेके टायर भारत में विश्व स्तरीय टायर विकसित करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रही है। इनोवेशन पर जोर के साथ हम लेविटास अल्ट्रा के लॉन्च के साथ प्रीमियम टायर स्पेस में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं। इन टायरों को विशेष रूप से लग्जरी कार सेगमेंट में हमारे ग्राहकों को एक ऐसे प्रोडक्ट के साथ पेश करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए जाने जाएंगे।
इन कारों में दिखेंगे जेके टायर
कंपनी ने बताया कि भारत में लक्जरी कारों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इनकी ग्रोथ 50 प्रतिशत से भी अधिक की है। इसे देखते हुए कंपनी इस सेगमेंट पर फोकस कर रही है। जेकेटायर के अनुसार इसके टायर मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, आउडी, जैगुआर, लैंडरोवर, पोर्शे आदि सभी कंपनियों की जरूरतों के अनुरूप हैं।
जेके टायर में हिस्सेदारी लेगी आईएफसी
विश्व बैंक समूह की इकाई आईएफसी जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड में 5.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए तीन करोड़ डॉलर (240 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। जेके टायर ने बुधवार को शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में कहा कि कंपनी में अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) का यह निवेश विनिर्माण क्षमताओं के विस्तार का आंशिक वित्तपोषण करेगा। इसके अलावा यह बेहतर सुरक्षा के साथ वाणिज्यिक और यात्री कार रेडियल टायरों के उत्पादन में उन्नत, संसाधन-दक्ष प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करेगा। इसमें कहा गया है कि आईएफसी की तरजीही आधार पर अनिवार्य परिवर्तनीय डिबेंचर (सीसीडी) के माध्यम से कंपनी में 5.6 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।