अमेरिकी कार निर्माता कंपनी जीप कंपस (Jeep Compass) ने अपने पोर्टफोलियों में बड़ा फैसला करते हुए भारतीय लाइनअप से बेस वेरिएंट कंपास स्पोर्ट के पेट्रोल मैनुअल वेरिएंट (Jeep Compass Sport Petrol MT) को हटा दिया है। इसका मतलब है कि इंडिया में ये वेरिएंट अब सेलआउट नहीं किया जाएगा, और 1.4-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन एंड 7 स्पीड डीसीटी गियरबॉक्स वाले वेरिएंट को ही बेस मॉडल माना जाएगा।
जारी रहेगी ऑटोमेटिक वेरिएंट की बिक्री
यहां गौर करने वाली बात है कि कंपनी ने 1.4-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन के साथ ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन (Automatic Transmission) वाले वेरिएंट की सेल को अभी भी जारी रखने का फैसला किया है। एक बयान जारी करते हुए कंपनी ने साफ किया है कि सिर्फ 1.4-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन वाले सिर्फ मैनुअल ट्रांसमिशन (Manual Transmission) वैरिएंट को डिस्कंटिन्यू किया है। ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाला वेरिएंट लोग अभी भी लोग अपने नजदीकी जीप शोरूम से खरीद सकेंगे।
ऑटोमेटिक और मैनुअल वेरिएंट में क्या है अंतर?
बंद किए गए जीप कंपस स्पोर्ट के मैनुअल पेट्रोल वेरिएंट में 1.4-लीटर का टर्बो-पेट्रोल इंजन आता था, जो 163PS और 250Nm पावर जेनरेट करता था। इसमें 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन दिया गया था। लेकिन कंपास ने ऑटोमेटिक वेरिएंट में 2.0-लीटर डीजल यूनिट का टर्बो इंजन आता है, जो 172PS और 350Nm की पावर जेनरेट करता है। आसान शब्दों में कहें तो ऑटोमेटिक वेरिएंट, मैनुअल वेरिएंट से ज्यादा पॉवरफुल और महंगा है। मैनुअल वेरिएंट के बंद होने के बाद अब ऑटोमेटिक वेरिएंट को बेस वेरिएंट माना जाएगा, जिसका मतलब है कि जीप कंपस के पेट्रोल ऑप्शन की एंट्री लेवल कीमत बढ़ जाएगी। अब इस कार के सबसे निचले वेरिएंट की कीमत 21.09 लाख रुपये होगी। जबकि इसके टॉप मॉडल की एक्स शोरूम कीमत 31.29 लाख रुपए होगी।
मजबूती और पॉवरफुल परफॉर्मेंस से बनाई पहचान
आपको बताते चलें कि जीप कंपस स्पोर्ट कार एक शानदार SUV है, जो अपनी मजबूती और पॉवरफुल परफॉर्मेंस (Powerful Performance) के लिए जानी जाती है। यह कार भारतीय बाजार में फॉक्सवैगन टिगुआन (Volkswagen Tiguan), टाटा हैरियर (Tata Harrier), सिट्रोएन सी5 एयरक्रॉस (Citroen C5 Aircross) और हुंडई ट्यूसॉन (Hyundai Tucson) जैसी कारों को टक्कर देती है। कंपनी ने इस को एक अग्रेसिव लुक दिया है, जिसके कारण लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं। फीचर्स के मामले में भी ये कार अन्य कंपनी की कारों की तुलना में काफी आगे है। हालांकि ये बात अलग है कि बिक्री के मामले में ये टॉप 25 की लिस्ट में भी नहीं आती है। लोग इसका बड़ा कारण इसके मेंटेनेंस कॉस्ट को बताते हैं।