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IOCL Loss: कीमतें न बढ़ने से India Oil को हुआ 1992 करोड़ रुपये का 'महा नुकसान', हर लीटर Petrol पर 14 रूपये का घाटा

IOCL Loss: अप्रैल-जून में IOCL 1,992.53 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 5,941.37 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ में थी।

Written By: Indiatv Paisa Desk
Published on: July 29, 2022 18:53 IST
IOCL- India TV Paisa
Photo:FILE IOCL

Highlights

  • इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) को भारी नुकसान हुआ है
  • IOC ने जून तिमाही में 1,992 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया
  • पेट्रोल और डीजल पर 12-14 रुपये प्रति लीटर का नुकसान

IOCL Loss:  पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर रोक के कारण इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) को भारी नुकसान हुआ है। IOC ने जून तिमाही में 1,992 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण कम्पनी का रिफाइनिंग मार्जिन खत्म हो गया। कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को यथावत रखने के कारण कंपनी को घाटा हुआ है। 

पिछले दो साल में पहली बार घाटा

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि अप्रैल-जून में IOCL 1,992.53 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 5,941.37 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ में थी। तेल कंपनी को पिछले दो साल में पहली बार किसी तिमाही में घाटा हुआ है। कंपनी को वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही में माल भंडार पर हुए नुकसान के कारण शुद्ध घाटा हुआ था। 

114 दिनों से नहीं बढ़ी कीमतें

खुदरा ईंधन विक्रेता IOC, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने कच्चे तेल (ईंधन बनाने के लिये कच्चा माल) के भाव में उछाल के बावजूद तिमाही के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं किया है। इससे इन कंपनियों के रिफाइनिंग मार्जिन पर असर पड़ा है। परिचालन से इसका राजस्व अप्रैल-जून में 1.55 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 2.51 ट्रिलियन रुपये हो गया, जिसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें अधिक थीं।

हर लीटर पेट्रोल पर 14 रूपये का घाटा

भारत में कच्चे तेल का आयात औसतन 109 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन खुदरा पंप की दरें लगभग 85-86 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से थीं। कंपनियों को पेट्रोल और डीजल पर 12-14 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है।  

UP चुनाव से पहले भी नहीं बढ़े थे दाम

IOC, BPCL और HPCL ने उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले दरों में संशोधन करना बंद कर दिया। तब 137-दिन  कीमतें नहीं बढ़ी थीं और अप्रैल की शुरुआत में फ्रीज का एक और दौर शुरू होने से पहले कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।

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