महज कोई कार खरीदनी है, इस पारंपरिक सोच से भारतीयों की सोच अब काफी आगे बढ़ चुकी है। लोग अब कार खरीदते समय लग्जरी और टिकाऊ दोनों तरह के विकल्पों की खोज कर रहे हैं। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई। इसमें कहा गया है कि एक तरह से भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नए युग की शुरुआत हो रही है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, शिफ्टिंग गियर्स: अंडरस्टैंडिंग पैसेंजर व्हीकल मार्केट ट्रेंड्स’टाइटल वाले इस सर्वे में 3500 से ज्यादा लोगों ने अपनी राय दी।
हाइब्रिड गाड़ियों के दीवानों की है बड़ी तादाद
खबर के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट में यह सामने आया कि 85 प्रतिशत उत्तरदाता प्रीमियम मॉडल लेने पर विचार कर रहे थे, और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की तुलना में हाइब्रिड वाहनों को प्राथमिकता दी जा रही है। सर्वेक्षण में पाया गया कि 40 प्रतिशत उत्तरदाता अब हाइब्रिड वाहनों को पसंद कर रहे हैं। हैरान करने वाली बात तो यह सामने आई कि सिर्फ 17% लोग ही इलेक्ट्रिक कार या व्हीकल के पक्ष में खड़े दिखे।
34% उपभोक्ता अब भी पेट्रोल गाड़ी को करते हैं पसंद
सर्वे में उपर्युक्त रुझानों के उलट करीब 34 प्रतिशत उपभोक्ता अब भी पेट्रोल गाड़ियों के प्रति अपना झुकाव रखते हैं। हाइब्रिड गाड़ियों के साथ बढ़ते जुड़ाव से पता चलता है कि उपभोक्ता अधिक मजबूत ईवी बुनियादी ढांचे और प्रोत्साहनों के इंतजार में अब टिकाऊ विकल्पों की खोज कर रहे हैं। सर्वेक्षण के निष्कर्षों के मुताबिक हाइब्रिड गाड़ी वैकल्पिक टेक्नोलॉजी को अपनाने की दिशा में एक पुल की तरह काम कर रहे हैं। हालांकि सर्वे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भविष्य में ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) की स्वीकार्यता में तेजी की उम्मीद है।
उपभोक्ता प्राथमिकताओं में बदलाव को ध्यान में रखना जरूरी
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के भागीदार और वाहन और ईवी इंडस्ट्री के प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा कि ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स को उपभोक्ता प्राथमिकताओं में बदलाव को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि त्योहारी मौसम का सालाना बिक्री में लगभग 30-40 प्रतिशत योगदान होता है और यह भारतीय वाहन उद्योग के लिए खासतौर से महत्वपूर्ण है। इस त्योहार भी ऑटोमोबाइल कंपनियों को शानदार बिक्री की उम्मीद है।