भारत में इस समय महंगाई पहले की तुलना में काफी कम हुई है। नवंबर में घटकर 5.88 प्रतिशत पर आ गयी है। इस साल यह पहला मौका जब खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में आई है। वहीं दूसरे तरफ देश में लग्जरी कार की बिक्री में भी उछाल देखा गया है। ऐसे में भारत के मंदी के चपेट में जाने के आसार बेहद कम दिखाई दे रहे हैं। आइए कुछ चौंकाने वाले आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
कारों की बिक्री में 50 फीसदी की उछाल
देश में इस साल दो करोड़ से अधिक कीमत वाली कारों की बिक्री में 50 फीसदी की बड़ी उछाल देखी गई है। 2018 के बाद से महंगी कारों में आई ये अब तक की सबसे बड़ी बढ़त है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल देश में 450 से अधिक लग्जरी कारें बिकने की उम्मीद है। इससे पहले 2018 में सबसे अधिक 325 कारें बिकी थी। लेकिन ये आंकड़े एक और तरफ इशारा करते हैं कि देश में अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब होता जा रहा है। इसे अर्थव्यवस्था की भाषा में K शेप रिकवरी कहते हैं, जो किसी भी विकासशील देश के लिए अच्छा नहीं होता है।
इन कारों का है डिमांड
इस समय जितनी भी लग्जरी कारें मार्केट में बिक रही है। उनमें से जो टॉप सेलिंग कार है। उस लिस्ट में इटली की कंपनी लंबोर्गिनी (Lamborgini) और दूसरी विदेशी कार कंपनियों का जलवा है। इनमें फेरारी (Ferrari), बेंटले (Bentley), एस्टन मार्टिन (Aston Martin), रॉल्स रॉयस (Rolls Royce), पोर्श (Porsche) और मैबे (Maybach) जैसी कारें शामिल है। बता दें, इंडिया में लंबोर्गिनी कार की कीमत 4 करोड़ है।
महंगाई संतोषजनक स्तर पर
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 महीनों में यह पहली बार है कि खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर की सीमा में आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में घटकर 5.88 प्रतिशत पर आ गयी है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दर को दो से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर, 2022 में 6.77 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.91 प्रतिशत रही थी।