कोरोना महामारी के बाद दुनिया भले ही 2021 से ही रिकवरी के मोड में थी, लेकिन कार बाजार के लिए यह महामारी कुछ ज्यादा लंबी खिंची। इसका कारण था सेमी कंडक्टर की किल्लत। दुनिया भर में सप्लाई चेन अटकने का असर भारतीय कार बाजार पर भी पड़ा। लेकिन 2022 का साल आधा बीतने के बाद अब हालात सुधरते दिख रहे हैं। कारों की बिक्री बीती एक तिमाही से बढ़ रही है।
इस बीच दक्षिण कोरिया की वाहन कंपनी हुंडई को आपर्ू्ति संबंधी अड़चनें दूर होने से इस साल भारतीय बाजार में अबतक का सर्वाधिक बिक्री आंकड़ा हासिल करने की उम्मीद है। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सर्विस) तरुण गर्ग ने यह संभावना जताई। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में सुधार आने से वाहनों की बिक्री काफी अच्छी रहने की उम्मीद है। इसके अलावा आगामी मौसम में कंपनी को मांग में तेजी रहने की भी उम्मीद है।
सेमी कंडक्टर की बढ़ी सप्लाई
कोरोना महामारी के कारण चीन और दक्षिण पूर्वी ऐशिया के देशों से सेमी कंडक्टर की सप्लाई थम गई थी। इससे भारत में भी कारों की सेल औंधे मुंह गिरी थी। सेमी कंडक्टर गर्ग ने कहा, ‘‘सेमीकंडक्टर की स्थिति अब ठीक हो रही है और मांग में मजबूती का सिलसिला भी जारी है। इस साल हमें पूरी उम्मीद है कि हम भारतीय बाजार में अपने सबसे अच्छा बिक्री आंकड़े हासिल करने में सफल रहेंगे।’
कंपनी ने 2018 में बेचे थे सर्वाधिक वाहन
हुंडई का भारत में अबतक सर्वाधिक बिक्री आंकड़ा 2018 में 5.5 लाख वाहनों का रहा है। कंपनी ने अगस्त के महीने में 49,510 वाहनों की थोक बिक्री की जो एक साल पहले की तुलना में छह प्रतिशत की वृद्धि है। इसके अलावा कंपनी के विभिन्न मॉडल के लंबित ऑर्डर भी बढ़कर 1.3 लाख हो चुके हैं।
लॉन्च हुआ हुंडई वेन्यू का एन लाइन एडिशन
मंगलवार को हुंडई ने अपने मध्यम आकार की एसयूवी वेन्यू का एन लाइन संस्करण बाजार में पेश करने के साथ एसयूवी खंड में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। हुंडई इस समय एसयूवी खंड में वेन्यू, क्रेटा, अल्काजार, टूसों और कोना इलेक्ट्रिक मॉडल की बिक्री कर रही है। गर्ग ने कहा कि कुल बिक्री में एसयूवी खंड की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है और अन्य वाहन कंपनियों की तुलना में हुंदै की स्थिति कहीं बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘‘हुंडई की घरेलू बिक्री में एसयूवी का योगदान 53 प्रतिशत है जबकि उद्योग की औसत हिस्सेदारी 41 प्रतिशत ही है।’’ उन्होंने कहा कि उत्पादन की रफ्तार बढ़ने से कंपनी ग्राहकों को जल्द आपूर्ति कर पाएगी और लंबी इंतजार अवधि में भी कमी आएगी।