Tuesday, March 18, 2025
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IIT के छात्रों ने तैयार किया एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्टिंग ट्यूब, अश्विनी वैष्णव ने शेयर किया वीडियो

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आईआईटी मद्रास में 410 मीटर लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी है और ये जल्द ही दुनिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब होगा। बताते चलें कि साल 2013 में इलॉन मस्क ने पूरी दुनिया को सबसे पहले हाइपरलूप दिखाया था।

Written By: Sunil Chaurasia
Published : Mar 17, 2025 19:01 IST, Updated : Mar 17, 2025 19:53 IST
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Photo:FILE रेल मंत्रालय ने आवंटित किए थे 8.34 करोड़ रुपये

देश का ट्रांसपोर्ट अब सिर्फ साधारण रोड, रेल, एयर और वॉटर तक ही सीमित नहीं है। भारत में अब वंदे भारत जैसी वर्ल्ड क्लास फीचर्स वाली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन और नमो भारत जैसी रैपिड ट्रेन भी है। इतना ही नहीं, मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन भी चलाई जाएगी, जिसका काम चल रहा है। लेकिन, भारत का ट्रांसपोर्ट सिर्फ यहीं नहीं रुकेगा। जी हां, भारत में हाइपरलूप की भी टेस्टिंग की जा रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अभी हाल ही में आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी का दौरा किया।

410 मीटर है लंबाई

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आईआईटी मद्रास में 410 मीटर लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी है और ये जल्द ही दुनिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब होगा। बताते चलें कि साल 2013 में इलॉन मस्क ने पूरी दुनिया को सबसे पहले हाइपरलूप दिखाया था। हाइपरलूप टेक्नोलॉजी एक हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम है जो एक वैक्यूम-सील ट्यूब में पॉड्स को 1000 किमी प्रति घंटे से भी तेज स्पीड से ऑपरेट कर सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने शेयर किया वीडियो

केंद्रीय मंत्री ने चेन्नई के ही इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में हाइपरलूप के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स को डेवलप करने के प्लान का भी खुलासा किया, जिसमें स्वदेशी टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया। हाइपरलूप के जरिए ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बदला जा सकता है। मंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर आईआईटी मद्रास में किए गए हाइपरलूप के लाइव डेमो का एक वीडियो भी शेयर किया है।

रेल मंत्रालय ने आवंटित किए थे 8.34 करोड़ रुपये

बताते चलें कि रेल मंत्रालय ने मई 2022 में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के स्वदेशी डेवलपमेंट के लिए आईआईटी मद्रास को 8.34 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के लिए ये पूरा टेस्टिंग सिस्टम स्वदेशी तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया गया है, जिसके लिए उन्होंने इसमें शामिल सभी छात्रों को बधाई दी।

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