नई कार खरीदने की तुलना में पुरानी कार को बनवाना क्या एक सही डिसीजन है? इसे समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। आप सबसे पहले इसकी लागत के बारे में विचार करें कि आपको कार बनवाने में जितना खर्च आ रहा है, उससे आपकी कार कितने समय तक चल पाएगी? या फिर आपको नई कार खरीद लेना चाहिए। कई बार मरम्मत और नई कार लेने में थोड़ा सा का फर्क रह जाता है। ऐसी स्थिति में कार खरीदना एक स्मार्ट डिसीजन होता है।
फैसला लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी
- कार की मरम्मत की लागत के लिए एक अनुमानित राशि तय करें।
- आपकी कार कितनी पुरानी है और कितने साल तक और चल सकती है?
- कार को लिए हुए 10 साल के करीब हो गए तो उसे ना बनवाएं, क्योंकि कुछ जगह पर 10 साल से पुरानी गाड़ियों को बैन किया गया है।
- कार के इंजन का कंडीशन कैसा है?
- अब तक वह कितने किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है?
- कार का एक्सटीरियर डिजाइन देखने से काफी पुराना तो नहीं लग रहा।
- कार की बॉडी कितनी मजबूत है?
- कार को बार-बार बनवाने की जरूरत तो नहीं पड़ती।
- तेज स्पीड में चलाने पर इंजन से अधिक आवाज तो नहीं आती है।
- स्पीड बढ़ाने पर गाड़ी अधिक लोड तो नहीं लेती।
इन बातों को पहली प्रायोरिटी पर चेक करें। फिर तय करें कि आपको नई कार लेनी चाहिए या नहीं। अगर नई कार लेनी है तो किस तरह की कार आपके बजट के हिसाब से सही रहेगी। इसे भी पता लगाने के लिए कुछ आसान तरीके होते हैं।
नई कार लेते वक्त इसका रखें ध्यान
- कुछ सेलेक्टेड कार का चयन करें।
- उसके बारे में रिसर्च करें कि उसमें कौन सी फैसिलिटी दी गई है।
- कार की कुल ऑन-रोड लागत कितनी है।
- डीलरशिप पर जाएं और टेस्ट ड्राइव करें।
- त्योहारों या न्यू ईयर के दौरान उपलब्ध छूट और ऑफर की जांच करें।
भारत में कार खरीदने से पहले आपको इसका विशेष ध्यान रखना पड़ता है कि आप किस नंबर की कार खरीद रहे हैं? यहां नंबर का मतलब उस कार के राज्य से होना है। हर राज्य में कार पर अतिरिक्त टैक्स लिया जाता है। बता दें, हाल ही में केंद्र सरकार ने SUV कार पर 22% का सेस चार्ज वसूलने पर सहमति जताई है। इसके बाद से एक नई SUV के लिए टोटल 50% का टैक्स देना पड़ेगा। जल्द ही इस नियम को सरकार लागू करने जा रही है।