टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की तरफ से किए गए 246 करोड़ रुपये के पीएलआई इंसेंटिव को भारी उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को मंजूर कर लिया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। पीटीआ की खबर के मुताबिक, सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कम्पोनेंट उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना का प्रावधान किया है। भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पीएलआई योजना जैसी पहलों के जरिये लोकल मैनुफैक्चरिंग को हासिल करने की दिशा में ऑटो मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है।
टाटा मोटर्स ने 142.13 करोड़ रुपये दावा प्रस्तुत किया
खबर के मुताबिक, कुमारस्वामी ने इस क्षमता को विकसित करने के लिए टाटा मोटर्स और एमएंडएम को बधाई दी और विश्वास जताया कि अधिक आवेदक पीएलआई योजना का लाभ उठाएंगे। सूत्रों के अनुसार, टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2023-24 में निर्धारित बिक्री के आधार पर लगभग 142.13 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दावा प्रस्तुत किया। टाटा मोटर्स के एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) उत्पादों की पात्र बिक्री में टियागो ईवी (इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर), स्टारबस ईवी (इलेक्ट्रिक बस) और ऐस ईवी (इलेक्ट्रिक कार्गो वाहन) शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 1,380.24 करोड़ रुपये है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा का दावा
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 800.59 करोड़ रुपये की कुल एएटी उत्पादों की निर्धारित वृद्धिशील बिक्री के आधार पर 104.08 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दावा प्रस्तुत किया, जिसमें कुल निवेश 978.30 करोड़ रुपये है। ट्रेओ, ट्रेओ ज़ोर और ज़ोर ग्रैंड सहित उनके ई3डब्ल्यू मॉडल की पात्र बिक्री 836.2 करोड़ रुपये है, जिसे ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) द्वारा जारी घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के सर्टिफिकेट द्वारा समर्थित किया गया है।
स्कीम का मकसद मैनुफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाना है
एक अधिकारी ने बताया कि टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के कुल दावे लगभग 246 करोड़ रुपये के हैं, जिनकी जांच और संस्तुति परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) द्वारा की गई है और बाद में भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस स्कीम का मकसद एएटी प्रोडक्ट्स में भारत की मैनुफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाना, लागत संबंधी कमियों को दूर करना और एक मजबूत सप्लाई चेन सेट अप करना है। 15 सितंबर, 2021 को स्वीकृत पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक इंसेंटिव डिस्बर्समेंट तय है।