Petrol Pump Cheating: पेट्रोल भरवाने के बाद कई बार आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपने जितने रुपये का पेट्रोल भरवाया, उस हिसाब से आपकी गाड़ी ने माइलेज नहीं दिया। कभी-कभी यह गाड़ी की खराबी हो सकती है, लेकिन अगर आपके साथ अक्सर ऐसा होता रहता है कि तो आप पेट्रोल पंप में होने वाली ठगी के शिकार हो रहे हैं। जी हां, पेट्रोल पंप वाले आज के समय में कई तरह से आपके साथ ठगी कर सकते हैं, जिसका असर आपकी जेब पर पड़ता है। कई लोगों को पेट्रोल पंप वाले की ठगी समझ नहीं आती है। लेकिन आज हम आपको ऐसे 5 तरीके बताएंगे, जिससे आप ठगी का शिकार हो रहे हैं। आइए जानते हैं इन ठगी के बारे में-
1. मीटर रीसेट करके फ्यूल न भरना
इस तरह की ठगी अक्सर उन ग्राहकों के साथ होती है, जो सतर्क नहीं रहते हैं। इस ठगी में जब ग्राहक कोई निश्चित अमाउंट का प्रेट्रोल भरवाता है, तो पेट्रोल कर्मचारी बिना मीटर को रीसेट किए हुए आपकी गाड़ी में फ्यूल भरता है। इस ठगी में आपकी गाड़ी में काफी कम पेट्रोल भरा जाता है, लेकिन आपको पूरा अमाउंट देना पड़ जाता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए फ्यूल भरवाने से पहले मीटर को रीसेट कराना न भूलें।
2. फ्यूल की क्वालिटी हो सकती है खराब
कुछ-कुछ पेट्रोल पंप पर कर्मचारी खराब क्वालिटी का फ्यूल भर देते हैं। इस तरह के फ्यूल से न सिर्फ आपकी जेब पर असर पड़ता है, बल्कि आपकी गाड़ी का इंजन भी खराब हो सकती है। अगर आपको तेल की क्वालिटी पर शक है, तो आप पेट्रोल पंप के कर्मचारी से इंजन फिल्टर पेपर टेस्ट की डिमांड कर सकते हैं। बता दें कि कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के मुताबिक, देश के हर पेट्रोल पंप पर फिल्टर पेपर होना अनिवार्य है। साथ ही जरूरत पड़ने पर इसे ग्राहक को देना जरूरी है। अगर पेट्रोल पंप का कर्मचारी ऐसा नहीं करता है, तो आप उसकी शिकायत कंज्यूमर कोर्ट में कर सकते हैं।
3. चिप से होता है खिलवाड़
कुछ पेट्रोल पंप के कर्मचारी या फिर फ्यूल पंप मालिक पेट्रोल भरने की मशीन में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा देते हैं। इस चिप से आपकी गाड़ी में कम पेट्रोल भरने के बावजूद आपको पूरा अमाउंट का चुकता करना पड़ सकता है। साल 2020 में तेलंगाना में इस तरह की घटना सामने आई थी। ऐसे में अगर आपको पेट्रोल की मात्रा पर कोई शक हो, तो पेट्रोल पंप कर्मचारी को मैन्यूल माप से पेट्रोल भरने के लिए कहें। ऐसे में आप सामने से पेट्रोल भरता हुआ देख सकते हैं।
4. सिंथेटिक तेल भरना
कुछ स्थितियों में ग्राहकों की गाड़ी में बिना पूछे रेगुलर ऑयल की बजाय सिंथेटिक ऑयल भर दिया जाता है। बता दें कि रेगुलर ऑयल की तुलना में, सिंथेटिक ऑयल करीब 5 से 10 फीसदी महंगा होता है। ऐसे में आपको पेट्रोल की अधिक राशि देनी पड़ सकती है। इसलिए जब भी पेट्रोल भरवाएं, तो कर्मचारी से पूछ लें कि वह कौन सा ऑयल गाड़ी में डाल रहे हैं।
5. रेट में गड़बड़ी
कुछ-कुछ पेट्रोल पंप के कर्मचारी या मालिक पेट्रोल या फ्यूल की कीमतों में हेरा-फेरी करके ठगी कर सकते हैं। इसलिए जब भी गाड़ी में फ्यूल भराएं, तो मीटर जरूर चेक करें। ताकि आप इस तरह की ठगी से बच सकें।