Highlights
- इस त्योहारी मौसम में डीलरों के यहां वाहनों की रिकॉर्ड बुकिंग हुई
- अधिकांश ग्राहक धनतेरस के दिन ही अपने वाहनों की आपूर्ति लेने पर जोर दे रहे हैं
- इस त्योहारी मौसम में खुदरा बिक्री में न्यूनतम 40 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद
महामारी की वजह से पिछले दो वर्षों में धनतेरस पर वाहनों की खरीद प्रभावित रहने के बाद इस साल वाहन डीलरों ने वाहन खरीदारी के लिए शुभ माने जाने वाले इस अवसर पर दोपहिया एवं चार-पहिया वाहनों की बड़ी संख्या में बिक्री होने की उम्मीद लगाई हुई है। वाहन डीलरों के संगठन फाडा ने कहा है कि इस साल धनतेरस के मौके पर गाड़ियों की बंपर बिक्री होने की उम्मीद है।
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि इस त्योहारी मौसम में डीलरों के यहां वाहनों की रिकॉर्ड बुकिंग हुई है और अधिकांश ग्राहक धनतेरस के दिन ही अपने वाहनों की आपूर्ति लेने पर जोर दे रहे हैं। दरअसल दीवाली के दो दिन पहले धन-त्रयोदिशी की तिथि को महंगे सामान की खरीद के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन हिंदू धर्म के अलावा जैन एवं सिख समुदाय के लोग भी सोना, चांदी एवं अन्य महंगी चीजों की खरीदारी करना पसंद करते हैं। इसके साथ ही दीवाली का पांच-दिवसीय त्योहार शुरू हो जाता है। इस साल धनतेरस का पर्व 22 और 23 अक्टूबर दोनों दिन मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर वाहन डीलरों को बड़ी संख्या में यात्री वाहनों की बिक्री होने की उम्मीद है।
फाडा प्रमुख सिंघानिया ने कहा, हमें उम्मीद है कि वाहनों की खुदरा बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर रहेगी। यहां तक कि दोपहिया वाहनों की बिक्री के भी कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंच जाने की उम्मीद है।ष् यात्री वाहनों के अलावा ट्रैक्टरों एवं तिपहिया वाहनों की बिक्री भी पिछले साल की तुलना में काफी अच्छी रहने की संभावना है। सिंघानिया ने कहा कि वाहन डीलरों को इस त्योहारी मौसम में खुदरा बिक्री में न्यूनतम 40 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
नवरात्रि से शुरू होकर दीवाली तक चलने वाले त्योहारी मौसम में दोपहिया वाहनों की बिक्री भी जोर पकड़ने की उम्मीद है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में दोपहिया की मांग सुस्त पड़ती दिखी है लेकिन इस साल शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों से मांग जोर पकड़ रही है। सिंघानिया ने कहा कि इस त्योहारी मौसम में करीब दो लाख यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री होने की उम्मीद है। इस दौरान अभी तक करीब आठ लाख बुकिंग कराई गई हैं लेकिन आपूर्ति से जुड़ी चिंताओं के कारण खुदरा बिक्री का अनुपात उतना अधिक नहीं है। सितंबर में वाहनों की आपूर्ति सुधरने से खुदरा बिक्री 11 प्रतिशत बढ़ गई जबकि घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री 92 प्रतिशत बढ़कर 3.07 लाख इकाई हो गई।