Highlights
- अमेरिका और यूरोप में बेहद सफल Tesla कार कई साल से भारत में भी आने की तैयारी कर रही है
- मस्क ने ट्वीट किया, सरकार के स्तर पर कई चुनौतियों का सामना अब भी करना पड़ रहा है
- भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार भी शैशव अवस्था से आगे बढ़कर युवा होने की दिशा में है
इलेक्ट्रिक कार नाम सामने आते ही हम सभी के सामने दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कार टेस्ला की तस्वीर सामने तैर जाती है। अमेरिका और यूरोप में बेहद सफल यह कार कई साल से भारत में भी आने की तैयारी कर रही है। लेकिन अभी तक इसे सफलता नहीं मिल सकी है। भारत में अपने उत्पाद उतारने के संबंध में कंपनी की योजनाओं के बारे में एक ट्वीट के जवाब में मस्क ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार के स्तर पर कई चुनौतियों का सामना अब भी करना पड़ रहा है।’’
इससे साफ पता चलता है कि मस्क की टेस्ला को भारत में कदम रखने में अभी भी लंबा फासला तय करना है। लेकिन मस्क के इस इंतजार के बीच भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार भी शैशव अवस्था से आगे बढ़कर युवा होने की दिशा में है। देश में टाटा जैसी देशी कंपनियों से लेकर बीएमडब्ल्यू और आडी जैसे लक्जरी ब्रांड अपनी इलेक्ट्रिक कार को पेश भी कर चुके हैं। ऐसे में कई विश्लेषक मस्क के ऐसे बयानों के पीछे भारत में बढ़ते कॉम्पटीशन को कारण मान रहे हैं।
क्या कहा मस्क नें
अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में उत्पाद उतारने के लिए उसे सरकार के स्तर पर बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत में अपने उत्पाद उतारने के संबंध में कंपनी की योजनाओं के बारे में एक ट्वीट के जवाब में मस्क ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार के स्तर पर कई चुनौतियों का सामना अब भी करना पड़ रहा है।’’
क्या है टेस्ला की मांग
टेस्ला ने पिछले साल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की मांग की थी। भारी उद्योग मंत्रालय ने टेस्ला से कहा था कि वह पहले भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण शुरू करे, उसके बाद ही किसी कर छूट के बारे में विचार किया जा सकता है। सरकार के सूत्रों ने बताया था कि वे किसी वाहन निर्माता कंपनी को इस तरह की छ्रट नहीं दे रहे और टेस्ला को कर संबंधी लाभ देने से भारत में अरबों डॉलर निवेश करने वाली दूसरी कंपनियों को अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
भारत में इलेक्ट्रिक कार पेश कर चुके हैं लक्जरी ब्रांड
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग सिर्फ बजट सेगमेंट में ही नहीं है। बल्कि कई लक्जरी ब्रांड भी अपनी कार पेश कर चुके हैं। जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी बीएमडब्ल्यू ने दिसंबर में ही अपनी पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक कार ‘आईएक्स’ को लॉन्च किया था। इस कार की कीमत 1.16 करोड़ है। खासबात यह है कि इसकी पहली खेप भारतीय बाजार में उतारे जाने के पहले ही दिन बिक गई।
बजट इलेक्ट्रिक कारों में भी हलचल
देश में लक्जरी कारों के साथ ही बजट सेगमेंट भी लगातार बढ़ रहा है। देशी कंपनी टाटा मोटर्स अपनी टिगोर और नेक्सन ईवी के साथ बाजार में एकाधिकार जैसी अवस्था में हैं। इसके अलावा महिंद्रा, एमजी मोटर्स भी अपनी इलेक्ट्रिक कारों के साथ बाजार में हैं। 2021 में एमजी मोटर इंडिया की इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 145 प्रतिशत बढ़कर 2,798 इकाई पर पहुुंच गई है। मारुति और हुंडई जैसे मार्केट लीडर्स भी अपनीे इलेक्ट्रिक कारें लाने की तैयारी कर रहे हैं।
इस वर्ष दस लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होने की उम्मीद
भारत में इस वर्ष करीब दस लाख पूर्ण इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होने की उम्मीद है जो बीते 15 वर्ष में बिके इस श्रेणी के कुल वाहनों के बराबर है। सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) की ओर से बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई। एसएमईवी ने एक बयान में कहा कि देश में 2021 में इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों की बिक्री दो गुनी बढ़कर 2,33,971 वाहन हुई। 2020 में यह आंकड़ा 1,00,736 वाहन था। एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में बीते कुछ महीने बहुत बढ़िया रहे। बीते 15 वर्ष में कुल मिलाकर दस लाख इलेक्ट्रिक दो पहिया, तीन पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक कार और ई-बसों की बिक्री हुई।