ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा ने मंगलवार को कहा कि अन-ऑथराइज मल्टी-ब्रांड आउटलेट से दोपहिया वाहनों की बिक्री के चलते ऑथराइज डीलरशिप को नुकसान हो रहा है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा कि उसने इस चलन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किया है। फाडा ने एक बयान में कहा कि मल्टी-ब्रांड आउटलेट (एमबीओ) डीलरों से थोक में अपंजीकृत वाहन ले रहे हैं और बिक्री के बाद सर्विस की किसी भी प्रतिबद्धता के बिना रियायती दरों पर ग्राहकों को बेच रहे हैं। इससे ग्राहकों का भरोसा कमजोर हो रहा है। यह ऑटो उद्योग के लिए ठीक नहीं है।
ग्राहकों का भरोसा भी कम हुआ
फाडा ने कहा कि इससे वैध डीलर प्रभावित हुए हैं और ब्रांड तथा डीलर के प्रति ग्राहकों का भरोसा भी कम हुआ है। फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ''हमने दोपहिया उद्योग में अनधिकृत एमबीओ के मुद्दे को उठाया है, जो वास्तविक डीलरों के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं हैं और किसी व्यापार प्रमाणपत्र या बिक्री के बाद की सेवाओं के बिना अपंजीकृत वाहन बेचते हैं।'' उन्होंने कहा कि इसके चलते कई वैध दुपहिया डीलरशिप बंद हो गए हैं, क्योंकि उनका कारोबार अव्यवहारिक हो गया है।
वाहनको की बिक्री घटी थी
देश में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में पिछले महीने एक प्रतिशत की गिरावट आई थी। इसकी वजह यह है कि पहली अप्रैल से सख्त उत्सर्जन नियम लागू होने की वजह से खरीदारों ने मार्च में वाहन खरीदना अधिक पसंद किया। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) के अनुसार, यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री अप्रैल, 2023 में घटकर 2,82,674 इकाई रह गई। अप्रैल, 2022 में यह 2,86,539 इकाई रही थी। अप्रैल में दोपहिया वाहनों का पंजीकरण सात प्रतिशत घटकर 12,29,911 इकाई रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 13,26,773 इकाई था।