Diesel Vehicles Ban: पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार ने 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले चार-पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा को अभी स्वीकार नहीं किया है। ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति ने बड़े शहरों में डीजल से चलने वाले वाहनों पर वर्ष 2027 तक रोक लगाने के साथ ही इलेक्ट्रिक और गैस से चलने वाले वाहनों को अपनाने का सुझाव दिया है। इसके अलावा पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अध्यक्षता वाली समिति ने परंपरागत इंजन से चलने वाले मोटरसाइकिल, स्कूटर और तिपहिया वाहनों को भी 2035 तक चरणबद्ध ढंग से हटाने की सिफारिश की है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बुधवार को एक ट्वीट में इस समिति की अनुशंसा पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मंत्रालय को ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति की रिपोर्ट मिल गई है। भारत सरकार को समिति की यह रिपोर्ट स्वीकार करनी अभी बाकी है।
जानिए क्या कहा गया था रिपोर्ट में?
8 मई को मिली जानकारी के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्रालय की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही थी कि भारत को 2027 तक 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। साथ ही समिति ने कहा कि बिजली और गैस से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना चाहिए। पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अगुवाई वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में 2035 तक आंतरिक दहन इंजन वाले मोटरसाइकिल, स्कूटर और तिपहिया वाहनों को हटाने का सुझाव भी दिया गया है। समिति ने इस साल फरवरी में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
हाल ही में 54 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुए थे रद्द
दिल्ली परिवहन विभाग ने 27 मार्च तक ऑटोरिक्शा, कैब और दोपहिया वाहनों सहित 54 लाख से अधिक पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। कुछ अनरजिस्टर्ड वाहनों में वैसे वाहन शामिल हैं जो 1900 और 1901 की शुरुआत में पंजीकृत हुए थे। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसमें कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2014 में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने पर रोक लगा दी थी। आंकड़ों के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली भाग 1 से सबसे अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया। 27 मार्च तक कुल 9,285 तिपहिया और 25,167 कैब को रोका गया।