भारत में बनने वाली गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते कंपनियों को बड़ा बाजार मिल रहा है। इससे कंपनियों का निर्यात बढ़ रहा है। सियाम की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश से यात्री वाहनों का निर्यात 2022-23 में 15 प्रतिशत बढ़कर 6,62,891 इकाई रहा। इसमें 2.5 लाख से अधिक इकाइयों का निर्यात करने वाली मारुति सुजुकी इंडिया की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। उद्योग संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 में कुल यात्री वाहनों का निर्यात 6,62,891 इकाई रहा है जो 2021-22 में 5,77,875 इकाई था।
कारों के निर्यात में 10 फीसदी का उछाल
आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में यात्री कारों का निर्यात दस प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,13,787 इकाई रहा। वहीं उपयोगी (यूटिलिटी) वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़कर 2,47,493 इकाई रहा। हालांकि वैन का निर्यात घट गया और 2022-23 में यह 1,611 इकाई रहा जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 1,853 इकाई था। पिछले वित्त वर्ष में यात्री वाहन श्रेणी के निर्यात में सबसे बड़ी हिस्सेदारी मारुति सुजुकी इंडिया की रही। इसके बाद हुंदै मोटर इंडिया और किआ इंडिया का स्थान रहा। देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजुकी ने 2022-23 में 2,55,439 यात्री वाहनों का निर्यात किया जो 2020-21 में निर्यात किए गए 2,35,670 वाहनों से आठ प्रतिशत अधिक है। हुंदै मोटर इंडिया ने 1,53,019 वाहनों का निर्यात किया जो 2021-22 की 1,29,260 इकाइयों से 18 प्रतिशत अधिक है।
इन कंपनियों ने भी हिस्सेदारी बढ़ाई
किआ इंडिया ने 2022-23 में 85,756 वाहनों का निर्यात किया जबकि 2021-22 में उसने 50,864 इकाइयों का निर्यात किया था। निसान मोटर इंडिया ने 60,637 वाहनों का, रेनो इंडिया ने 34,956 वाहनों का; फॉक्सवैगन इंडिया ने 27,137 इकाइयों का निर्यात किया। होंडा कार्स ने 22,710 इकाइयों का जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 2022-23 में 10,622 इकाइयों का निर्यात किया। बीते वित्त वर्ष में भारत से वाहनों का कुल निर्यात 47,61,487 इकाई रहा है जो 2021-22 की 56,17,359 इकाइयों से 15 प्रतिशत कम है।