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इस रंग की कार में लगती है ज्यादा गर्मी, माइलेज और परफॉर्मेंस पर भी बुरा असर

क्या आप जानते हैं कि डार्क या काले रंग की कारें व्हाइट या लाइट कलर की कारों के मुकाबले ज्यादा गर्म रहती हैं। आइए इसके पीछे का पूरा विज्ञान समझते हैं।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: January 27, 2023 23:57 IST
Dark color of car can really make it hotter and effects mileage rate- India TV Paisa
Photo:CANVA इस रंग की कार में लगती है ज्यादा गर्मी, माइलेज पर भी बुरा असर

Car color: गर्मियां शुरू होने में अब थोड़ा ही समय बाकी रह गया है। गर्मियों में कार का AC स्टार्ट किए बिना सड़कों पर निकलना बहुत मुश्किल होता है। खासतौर से जब मई से जुलाई के बीच तापमान 40 से 45 डिग्री के आस-पास रहता है। क्या आप जानते हैं कि कार में ज्यादा गर्मी लगने के पीछ उसका रंग भी एक वजह होता है। ऑटो इंडस्ट्री के जानकार कहते हैं कि कुछ विशेष रंग की कारों में लोगों को ज्यादा गर्मी लगती है। आइए आज आपको कार के रंगों के पीछे का पूरा विज्ञान समझाते हैं। विज्ञान ये कहता है कि व्हाइट या लाइट कलर्स सूर्य के प्रकाश को ज्यादा तेजी से रिफ्लेक्ट करते हैं। वहीं दूसरी तरफ ब्लैक या डार्क कलर्स सूर्य के प्रकाश को ज्यादा तेजी से अवशोषित करते हैं। यही कारण है कि व्हाइट, सिल्वर या किसी भी लाइट कलर की कारें कम प्रकाश अवशोषित करती हैं और ज्यादा रिफ्लेक्ट करती हैं। नतीजन ऐसी कारों में लोगों को ज्यादा गर्मी नहीं महसूस होती है।

ज्यादा एसी चलाने से माइलेज पर असर

जबकि ब्लैक, ब्राउन, ब्लू या कोई भी डार्क कलर की कारें केवल 5 प्रतिशत प्रकाश को ही रिफ्लेक्ट करती है। ऐसे रंग सूर्य के प्रकाश को ज्यादा अवशोषित करते हैं। यही वजह है कि इन रंगों की कारों में लोगों को लाइट कलर की कारों के मुकाबले ज्यादा गर्मी महसूस होती है। गर्मी के दिनों में ब्लैक या डार्क कलर की कार बिना एसी चालू किए सड़कों पर निकालना बहुत मुश्किल होता है। गर्मी में कार को अंदर से ठंडा रखने के लिए आपको ज्यादा एसी चलाना पड़ता है, जिसका असर गाड़ी की माइलेज और परफॉर्मेंस पर पड़ता है। यही कारण है कि ठंड के मौसम में कारें ज्यादा माइलेज देने लगती हैं। अगर कार ब्लैक या डार्क कलर की हो तो गर्मियों में आपको ज्यादा तेज एसी चलाना पड़ता है। और ज्यादा देर के लिए चालू करके रखना पड़ता है। नतीजन गाड़ी की माइलेज कम हो जाती है और फ्यूल पर आपका खर्चा बढ़ जाता है। इसके विपरीत हल्के रंग की कार में कम एसी चलाने की वजह से उसकी माइलेज अच्छी रहती है।

डार्क कलर की कारों में एक्सीडेंट की संभावना अधिक

एक स्टडी के मुताबिक, सफेद रंग की कारों में एक्सीडेंट की संभावना काले रंग की कारों की तुलना में 12 प्रतिशत कम रहती है। सफेद के बाद क्रीम या पीले रंग की की कारों को ज्यादा सेफ माना गया है। वहीं, काले रंग की कार में एक्सीडेंट या दुर्घटना होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। इसके बाद ग्रे, सिल्वर और नीले रंग आते हैं।

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