Highlights
- तमाम सुरक्षा खूबियों से लैस इस कार में पिछली सीट के लिए एयरबैग नहीं था
- कार की अगली दोनों सीटों पर बैठे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए
- पीछे की तरफ सिर्फ साइड वाले एयरबैग ही मौजूद थे
Cyrus Mistri Accident: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार दोपहर मुंबई के निकट पालघर में एक भीषण एक्सीडेंट में निधन हो गया था। बेहद सुरक्षित मानी जाने वाली मर्सिडीज बेंज की कार में दिग्गज हस्ती के निधन की खबर से हर कोई आश्चर्यचकित था। मामले की शुरुआती जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल उस मर्सिडीज़ कार पर उठ रहे हैं जिस पर मिस्त्री सवार थे। जांच में पता चला है कि तमाम सुरक्षा खूबियों से लैस इस कार में पिछली सीट के लिए एयरबैग नहीं था। यहीं चूक उनके लिए जानलेवा साबित हुई।
मर्सिडीज बेंज GLC 220D SUV में सवार थे मिस्त्री
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन मिस्त्री जिस कार में सवार थे, वह मर्सिडीज बेंज GLC 220D SUV थी। कल दोपहर महाराष्ट्र के पालघर में सड़क के बीच में बने डिवाइडर से टकरा गई थी। इस हादसे में एसयूवी की पिछली सीट पर बैठे हुए मिस्त्री और उनके एक दोस्त की मृत्यु हो गई। वहीं कार की अगली दोनों सीटों पर बैठे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद एक बार फिर वाहनों में मौजूद सुरक्षा संबंधी खूबियों की तरफ लोगों का ध्यान जाने लगा।
7 एयरबैग लेकिन बैक सीट के लिए नाकाफी
आमतौर पर महंगी कारों में यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े तमाम फीचर होते हैं लेकिन इसके बावजूद मिस्त्री और उनके दोस्त की जान नहीं बच पाई। दुर्घटनाग्रस्त हुई मर्सिडीज जीएलसी 220डी कार भी सात एयरबैग से लैस थी। लेकिन उसमें एक भी एयरबैग ऐसा नहीं था जो पिछली सीट पर बैठने वाले लोगों को सामने से सुरक्षा दे सके। उसमें पीछे की तरफ सिर्फ साइड वाले एयरबैग ही मौजूद थे। किसी भी दूसरी कार की तरह एयरबैग पूरक प्रतिरोध प्रणाली (एसआरएस) ही होते हैं।
सीट बैल्ट नहीं पहने थे मिस्त्री
कार में एयरबैग से पहले आपको संभालने का काम सीट बेल्ट ही करती है। ऐसा लगता है कि मिस्त्री ने पिछली सीट पर बैठते समय सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। ऐसे में जब तेज रफ्तार कार की डिवाइडर से टक्कर हुई तो बिजली की तेजी से उनका शरीर कार के अगले हिस्से की तरफ फेंक दिया गया। यदि सीट बैल्ट पहनी होती तो साइरस मिस्त्री की जान बच सकती थी। पुलिस की शुरुआती जांच में भी कुछ इसी तरह के संकेत मिले हैं।
तेज रफ्तार से कार हुई बेकाबू
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कार की तेज रफ्तार और चालक के गलत अनुमान लगाने की वजह से यह हादसा हुआ। घटनास्थल पर पहुंचने वाले अधिकारियों का कहना है कि कार की पिछली सीट पर बैठने वाले दोनों लोगों- मिस्त्री और जहांगीर पंडोले ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी। इसके अलावा प्रथम दृष्टया हादसे के समय उनकी लक्जरी कार की रफ्तार भी ज्यादा थी।
9 मिनट में 20 किमी. का सर
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कार की तेज रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पालघर जिले का चरोटी पुलिस नाका पार करने के बाद अगले 20 किलोमीटर का सफर उसने सिर्फ नौ मिनट में ही तय कर लिया था। सूर्या नदी पर बने पुल पर यह तेज रफ्तार कार डिवाइडर से जाकर टकरा गई। इस भीषण हादसे में मिस्त्री और पंडोले की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं कार चला रहीं डॉक्टर अनाहिता पंडोले और उनके बगल वाली सीट पर बैठे उनके पति बुरी तरह घायल हो गए।
आनंद महिंद्रा ने ली शपथ
सीट बेल्ट पहनने की अहमियत पर जोर देते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘‘मैं कार की पिछली सीट पर बैठते समय भी सीट बेल्ट पहनने की शपथ लेता हूं। मैं आप सब लोगों से भी यह शपथ लेने का अनुरोध करता हूं। हम सबको अपने परिवार की फिक्र करनी है।’’
नए मॉडल में है ये सुरक्षा उपाय
मर्सिडीज के इस मॉडल का लेटेस्ट एडिशन 68 लाख रुपये की कीमत में आता है। इसमें एक ‘‘प्री-सेफ सिस्टम’ मौजूद है जिसमें आगे की सीट बेल्ट किसी खतरे की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक ढंग से सक्रिय हो सकती हैं। कंपनी की वेबसाइट कहती है कि यह प्रणाली किसी हादसे की स्थिति में यात्री को अधिक आगे नहीं जाने देती है। इसके अलावा इस मॉडल में घुटनों को सुरक्षा देने के लिए नीबैग भी लगे हुए हैं। आमने-सामने की टक्कर में यह यात्रियों के घुटनों को डैशबोर्ड से जाकर टकराने से बचाने का काम करते हैं।